अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर इस राज्य के CM ने जताई नाराजगी, जानिए क्या कहा?
तिरुवनंतपुरम | केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में आयोजित ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर नाराजगी व्यक्त की.
उन्होंने कहा, “देश में एक धार्मिक पूजा स्थल के उद्घाटन को एक राजकीय कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है.”
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संविधान के संरक्षण और सुरक्षा का संकल्प लिया था, उन्हें इसके धर्मनिरपेक्ष चरित्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, “कार्यक्रम में भाग लेने से इनकार कर हमने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को बरकरार रखा है.”
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य की आत्मा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारे राष्ट्रीय आंदोलन के दिनों से ही एक राष्ट्र के रूप में धर्मनिरपेक्षता हमारी पहचान रही है. विभिन्न धर्मों से जुड़े लोगों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया था. यह राष्ट्र समान रूप से सभी लोगों और भारतीय समाज के सभी वर्गों का है.”
उन्होंने कहा कि धर्म एक निजी मामला है और भारतीय संविधान ने यह कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि सभी भारतीय अंतरात्मा की स्वतंत्रता के समान रूप से हकदार हैं और उन्हें स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसे प्रैक्टिस करने और उसका प्रचार करने का अधिकार है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ”उन लोगों ने जिन्होंने भारत के संविधान को बनाए रखने की शपथ ली है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से यह अधिकार मिले. हम किसी एक धर्म को अन्य सभी धर्मों से ऊपर प्रचारित नहीं कर सकते, या अन्य धर्मों को नीचा नहीं दिखा सकते.”
उन्होंने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मतलब धर्म और राज्य को अलग रखना है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस