सीडीएस ने लद्दाख में तनाव की स्थिति पर राजनाथ सिंह को जानकारी दी
नई दिल्ली | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीन सैन्य प्रमुखों से मुलाकात की।
इस दौरान सिंह को छह जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श के बारे में भी बताया गया।
एक सूत्र ने कहा, “वार्ता और भविष्य की रणनीति पर एक आकलन के लिए रक्षा मंत्री के साथ बैठक बुलाई गई थी।”
बैठक के दौरान, उन मुद्दों से निपटने के लिए एक योजना तैयार की गई, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। यह बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली, जहां जनरल बिपिन रावत ने सिंह को आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।
भारत के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि भारत और चीन विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार लद्दाख में आमने-सामने की स्थिति को शांतिपूर्वक तरीके से हल करने के लिए सहमत हुए हैं। मंत्रालय ने यह भी जोर दिया कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति को हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक बातचीत जारी रहेगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “दोनों पक्षों ने स्थिति को सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और राजनयिक बातचीत जारी रखेंगे।”
मंत्रालय ने दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच शनिवार को एक बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श के आधार पर एक बयान जारी किया।
मंत्रालय ने कहा था कि लेह स्थित कोर कमांडर और चीनी कमांडर के बीच शनिवार को चुशुल-मोल्दो क्षेत्र में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक का नेतृत्व भारत की ओर से लेह स्थित 14 कॉर्प लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीन का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया।
मंत्रालय ने कहा कि यह बैठक सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति से समाधान करने के लिए सहमत हुए और नेताओं के बीच समझौते को ध्यान में रखते हुए कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।”
मंत्रालय ने आगे जोर देकर कहा कि दोनों देशों ने नोट किया कि इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है।
मंत्रालय ने कहा, “दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि एक प्रारंभिक प्रस्ताव रिश्ते के आगे के विकास में योगदान देगा।”
भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में विशेष रूप से पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थिति को सुलझाने के लिए बातचीत हो रही है, जहां चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है।
चीन ने भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्रों में शिविर स्थापित करके यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है।
इस वार्ता से पहले दोनों देशों के बड़े रैंक के अधिकारियों के बीच दो जून को हुई वार्ता में कोई निर्णय नहीं निकल सका था।
पैंगोंग झील के पास पांच मई को एक झड़प हुई थी, जिसमें दोनों सेनाओं के दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए थे।
आईएएनएस