हैदराबाद लोक सभा सीट से कौन है BJP उम्मीदवार जो देंगी ओवैसी को चुनौती?, 2004 से ओवैसी कर रहे है इस सीट का प्रतिनिधित्व

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो | फोटो क्रेडिट: आईएएनएस)

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हैदराबाद | चुनौतियों के बावजूद हैदराबाद लोकसभा सीट पर 40 वर्षों से काबिज असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी – एआईएमआईएम को इस बार भाजपा उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. व्यवसायी व समाजसेवी माधवी लता हैदराबाद में लंबे समय से सक्रिय हैं.

भाजपा ने शहर स्थित विरिंची हॉस्पिटल्स की चेयरपर्सन कोम्पेला माधवी लता को आगामी चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है.

चुनाव में ओवैसी को भाजपा से जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से यह सीट छीनने को लेकर आश्वस्त हैं.

एक पेशेवर भरतनाट्यम नृत्यांगना, माधवी लता इसके पहले राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं, लेकिन कई कारकों के कारण भाजपा ने उन्हें ओवैसी से मुकाबला के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है.

भाजपा ने हैदराबाद में कभी भी किसी महिला को मैदान में नहीं उतारा है. माधवी लता के बारे में कहा जाता है कि वह पुराने शहर के कुछ हिस्सों में में सक्रिय हैं. पार्टी उनके कामों के जरिए मुस्लिम वोटों का फायदा उठाना चाह रही है.

हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता (फोटो क्रेडिट: आईएएनएस)
हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता (फोटो क्रेडिट: आईएएनएस)

अपने भाषणों के लिए मशहूर माधवी लता ने तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चलाया था. कहा जाता है कि वह विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों के संपर्क में हैं.

49 वर्षीय लता लाथम्मा फाउंडेशन और लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं और निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद भी करती रहती हैं. वह एक गौशाला भी चलाती हैं.

भाजपा से टिकट की आकांक्षी रहीं लता ने पहले ही पुराने शहर के कुछ हिस्सों में महिलाओं से मिलना शुरू कर दिया था. पिछले महीने उन्होंने बुर्का पहनी महिलाओं के बीच राशन बांटते हुए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं. कार्यक्रम का आयोजन लैथमा फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया था.

बीजेपी द्वारा उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में ‘मिशन हैदराबाद पार्लियामेंट’ जोड़ दिया है. उन्होंने हैदराबाद से चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया.

एआईएमआईएम की कटु आलोचक, लता कहती हैं कि इस पार्टी ने कभी भी निर्वाचन क्षेत्र में खराब नागरिक सुविधाओं के सुधार का प्रयास नहीं किया.

कोटि महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर, लता उस सफलता की तलाश में हैं, जहां अतीत में वेंकैया नायडू जैसे भाजपा के दिग्गज असफल रहे थे.

आगामी चुनाव में देशभर में 370 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य तय करने वाली बीजेपी का ध्यान तेलंगाना पर है, जहां उसे 2019 में 17 में से चार सीटें मिली थी.

पार्टी की नजर राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर है. केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी ने हाल ही में विश्वास जताया था कि भाजपा हैदराबाद को एआईएमआईएम से छीन लेगी.

उन्होंने दावा किया था कि शहर के अल्पसंख्यक समाज के लोग पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.

शनिवार को एआईएमआईएम के पुनरुद्धार की 66वीं वर्षगांठ पर, असदुद्दीन ओवैसी ने विश्वास जताया कि वह पहले से अधिक वोटों के साथ हैदराबाद की सीट बरकरार रखेंगे. उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राज्य या देश में कौन सत्ता में है और किसकी लहर चल रही है, एआईएमआईएम ने 1984 के बाद से हर चुनाव में हैदराबाद पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है.

2019 में भाजपा के भगवंत राव के खिलाफ 2.82 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाले ओवैसी ने 2014 में अपने निकटतम प्रत्याशी को 2.02 लाख वोटों के अंतर से हराया था.

असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी छह बार हैदराबाद से चुनाव जीते थे. 1996 में उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू को हराया था.

2004 में खराब स्वास्थ्य के कारण सलाहुद्दीन ओवैसी ने चुनाव नहीं लड़ा था और तब से असदुद्दीन ओवैसी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस

 


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