सेना प्रमुख ने लेह का दौरा किया, घायल सैनिकों के साथ की बातचीत

(फोटो: आईएएनएस)

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नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने मंगलवार को लेह का दौरा किया और सैन्य अस्पताल में घायल सैनिकों से बातचीत की। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा पिछले हफ्ते पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया गया था, जिसमें कुल 76 भारतीय जवान घायल हुए और 20 शहीद हो गए थे। सूत्रों ने कहा कि जनरल नरवने ने सैनिकों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर पूरी सेना उनके साथ खड़ी है।

जनरल नरवने का दौरा उस समय हुआ है, जब पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पनपे तनाव के बीच हजारों भारतीय जवानों को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से कुछ मीटर की दूरी पर तैनात किया गया है।

वह चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सेना की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

सेना प्रमुख बुधवार को कश्मीर का दौरा भी करेंगे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना की तैनाती की समीक्षा करेंगे।

उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोचरें पर ऑपरेशनल स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय राजधानी में सेना कमांडरों के सम्मेलन (कांफ्रेंस) का दूसरा चरण आयोजित किया था।

इस दौरान सभी कमांडर शामिल रहे थे और उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने भी इस दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया।

सेना के कमांडरों ने उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोचरें पर भारत की ऑपरेशनल स्थिति के बारे में पूरी चर्चा की।

यह दो दिवसीय सम्मेलन का दूसरा चरण था। पहला चरण 27 मई से 29 मई तक आयोजित किया गया था।

सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के बाद मंगलवार को जनरल नरवने घायल सैनिकों से मिलने के लिए लेह के लिए रवाना हुए।

लद्दाख और पैंगॉन्ग त्सो में जमीनी स्थिति अस्थिर है, जिसमें गलवान घाटी का पैट्रोलिंग प्वाइंट नंबर-14 भी शामिल है, जहां चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया गया था।

भारतीय सेना ने हॉट स्प्रिंग्स, डेमचोक, कोयल, फुक, डेपसांग, मुर्गो और गलवान में तैनाती बढ़ाई है।

आईएएनएस

 


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