अंबानी ने 2जी के अंत की बात कही, मित्तल ने करों को कम करने पर दिया जोर
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को दूसरी पीढ़ी (सेकंड जनरेशन) की मोबाइल कनेक्टिविटी को समाप्त करने के लिए नीतिगत उपाय करने चाहिए, क्योंकि यह लोगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी से दूर करती है। भारत में पहली मोबाइल फोन कॉल की रजत जयंती के अवसर पर अंबानी ने कहा कि दूरसंचार दिग्गजों ने अब तक की उपलब्धियों को चिह्न्ति किया है। उन्होंने कहा कि यह उन बाधाओं को देखने का एक अवसर है, जिसने भारतीय उपभोक्ताओं और भारतीय समाज को डिजिटल क्रांति का पूरी तरह से लाभ उठाने से रोका है।
अंबानी ने कहा, मैं विशेष रूप से इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि देश में अब भी 30 करोड़ मोबाइल ग्राहक 2जी के दौर में फंसे हुए हैं। फीचर फोन की वजह से ये लोग ऐसे समय इंटरनेट के इस्तेमाल से दूर हैं, जबकि भारत और शेष दुनिया 5जी टेलीफोनी के दौर में प्रवेश की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 2जी को अब इतिहास का हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।
अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह जल्द ही एक एंट्री-लेवल एंड्रॉएड स्मार्टफोन लॉन्च करने के लिए गूगल के साथ साझेदारी करेगी। रिलांयस जियो ने 2017 में जियो फोन नाम से एक फीचर फोन लॉन्च किया था, जिसका वर्तमान में देश के फीचर फोन उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के बीच 20 प्रतिशत का स्थापित आधार है।
उन्होंने माना कि अगले 25 सालों में गतिशीलता (मोबिलिटी) में और भी अधिक लुभावने बदलाव आएंगे। आरआईएल के अध्यक्ष ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी के प्रमुख क्षेत्रों में बाकी दुनिया से आगे लाने का समय आ गया है।
सीओएआई द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में बोलते हुए भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने सरकार से उद्योग की वृद्धि के लिए करों और शुल्क को कम करने का आह्वान किया।
पिछले 25 वर्षों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए मित्तल ने कहा कि अगले 25 वर्षों में पूरे देश में आईओटी कनेक्टिविटी, कम विलंबता और पूर्ण 5जी कनेक्टिविटी देखी जाएगी।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास मोबाइल और दूरसंचार में स्थानीय विनिर्माण के क्षेत्र में नेतृत्व करने का समय आ गया है।
नवनियुक्त सीओएआई के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने कहा कि अब कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भरता और सुरक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
आईएएनएस