अभिनेत्री ममता कुलकर्णी बनी महामंडलेश्वर, क्यों बनी महामंडलेश्वर उन्होंने खुद बताया?

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बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी शुक्रवार को महाकुंभ में संगम स्नान और पिंड दान के बाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा शुक्रवार की सुबह ही की थी. इसके साथ ही ममता कुलकर्णी अब यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी. ममता एक दिन पहले ही महाकुंभ पहुंची थीं. पट्टाभिषेक से पहले ममता संगम स्नान और पिंड दान किया. स्नान के बाद यह भी साफ किया कि वह क्यों महामंडलेश्वर बन रही हैं. उन्होंने अपने महामंडलेश्वर बनने को मां काली का आदेश बताया.

ममता ने कहा कि सन 2000 के बाद से ही मैंने तपस्या शुरू कर दी थी. मैंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी को अपना पट्टागुरु चुना. कल मुझे महामंडलेश्वर बनाने के बारे में पूछा गया था. आज शुक्रवार यानी महाकाली का दिन है. आज सुबह ही मां काली ने आदेश दिया कि मुझे लक्ष्मी नारायण जी को आचार्य चुनना है. वह साक्षात अर्धनारिश्वर के स्वरूप हैं. एक अर्धनारिश्वर के हाथों पट्टाभिषेक से बड़ी क्या उपाधी हो सकती है. ममता ने कहा कि महामंडलेश्वर के लिए मेरी परीक्षा ली गई. 23 साल में मैंने क्या ध्यान और साधन किया, इस बारे में काफी सवाल किए गए. जो-जो पूछा गया, मैंने सबकुछ बताया. इसके बाद मुझे यह उपाधि मिल रही है. हर तरह की परीक्षा के बाद मैं पास हुई हूं.

ममता के महामंडलेश्वर की दीक्षा लेने पर कुछ साधु संतों के नाराज होने की बात पर कहा कि बहुत से मेरे फैंस भी नाराज होंगे. वह चाहते होंगे कि मैं बालीवुड में दोबारा आऊंगी. लेकिन नहीं आ रही हूं. महाकाल की इच्छा, मां काली की इच्छा के बिना कुछ नहीं होता है. इनके आगे किसी का कुछ नहीं चलता है. यही परमबह्म हैं.

इस अवसर पर मौजूद किन्नर अखाड़े की साध्वी ने कहा कि हम लोगों से अब नई महामंडलेश्वर के रूप में ममता जी जुड़ चुकी हैं. कहा कि हमारे यहां पुरुष महिला सभी को सम्मान मिलता है. हम लोग हर धर्म के लोगों को अखाड़े से जोड़ रहे हैं. हम लोग मानते हैं कि हर इंसान में ब्रह्म हैं. उसका कोई भी व्यवसाय हो, इससे हमको मतलब नहीं होता है. इसलिए ही हमने ममता को महामंडलेश्वर घोषित किया है. ममता के पुराने इतिहास और अंडरवर्ल्ड से जुड़ाव पर कहा कि वह सब अफवाह थी. ममता हिन्दुस्तान की नागरिक हैं और सनातन के प्रचार के लिए जुड़ी हैं. अन्य बातें केवल अफवाह ही हैं.

 


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