अफगानी महिला ने तालिबानी पति को दिया तलाक, छोड़ा देश, तालिबानियों ने जारी किया ‘डेथ वारंट’
नई दिल्ली | पति के तालिबान में शामिल हो जाने के बाद, हयात (बदला हुआ नाम) 4 साल पहले अफगानिस्तान छोड़ आई और अब दिल्ली में अपनी दो बच्चीयों के साथ रह रही हैं। हालांकि उनकी अन्य दो बच्चियों को पहले ही उनके पति द्वारा तालिबान को बेचा जा चुका है।
हयात के मुताबिक, तालिबानियों ने उनकी मौत का फरमान भी जारी किया है, जिसके कारण वह अब अफगानिस्तान लौटना नहीं चाहती।
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान महिलाएं बेहद डरी हुई हैं, इतना ही नहीं हजारों लोग अफगान छोड़ दूसरे देशों में भाग रहे हैं।
हयात दिल्ली में जिम ट्रेनर हैं, जिससे वह अपने घर और अपनी 2 बेटियों की परवरिश कर रही हैं। हयात ने आईएएनएस से बात करते हुए अपना दुख साझा किया, उन्होंने बताया कि, मेरे पति ने एक के बाद एक मेरी दो बेटियों को अपने तालिबान मित्रों को बेच दिया।
फिलहाल हयात के साथ उनकी दो बेटियां और भी हैं, जिनकी उम्र 13 साल है और एक की उम्र करीब 14 वर्ष है।
उन्होंने आगे बताया कि, शादी के बाद मेरे पति के बारे में मुझे पता लगा कि वह तालिबानों से जुड़े हुए हैं। मेरे पति द्वारा मुझपर 4 बार चाकू से हमला किया गया है, जिसके निशान सिर, गर्दन और मेरी उंगलियों पर अभी भी बने हुए हैं।
बेची गई मेरी बेटियों की जानकारी मुझे नहीं है, मेरे पति द्वारा मुझसे कहा गया था कि मैं तुम्हारी अन्य दो बेटियों को भी बेच दूंगा, जिसके बाद मुझे देश छोड़ कर भागना पड़ा।
क्या अफगानिस्तान वापस जाना चाहेंगी ? यह सवाल सुन हयात घबरा गई और जोर देकर कहा कि, नहीं नहीं ! तालिबान ने मेरी मौत का एलान किया है। मेरी अन्य दो बच्चियों को भी वह छीन लेंगे।
अफगानिस्तान से भागने में कैसे कामयाब हुए ? इस सवाल के जवाब में हयात कहती हैं कि, उस वक्त अफगानिस्तान से तालिबानी बाहर थे, मैंने अपना वीसा अप्लाई किया, इससे पहले मैं एक बार भारत आई हुई थी, इसलिए मुझे थोड़ी जानकारी थी। वहीं मेरी कुछ लोगों द्वारा मदद भी की गई।
हिंदी बोलना कैसे सीखी ? उन्होंने इसपर जवाब दिया कि, मुझे हिंदी में बात करने का शौक था, बॉलीवुड फिल्म देख मैंने हिंदी सीखी।
उन्होंने आगे कहा कि, अफगान बर्बाद हो गया है, भारत में मैं खुश हूं लेकिन मेरा रिफ्यूजी कार्ड नहीं बना है।
हमें भारत सरकार की मदद चाहिए, अपनी आवाज को उठाने के लिए अन्य अफगानी लोग मीडिया में आने से कतराते हैं, इसलिए मैं बात कर रही हूं।
उन्होंने आगे बताया कि, मेरे पिता जो इराक में हैं, उनको धमकी भरे पत्र जाते हैं कि मुझे वापस बुलवा लो, उनको (तालिबान) द्वारा यह तक कहा गया कि, ‘हमको इसकी जगह का पता लग गया है।
उनके अनुसार, वह अपने पति को तलाक देना चाहती थी, लेकिन अफगान में तलाक देना आसान नहीं था, उनके पिता और घर के अन्य सदस्यों को धमकियां मिलती रही हैं, लेकिन सब कुछ छोड़ अपने पति को तलाक देने में कामयाब रही वहीं अपनी दो बेटियों के साथ भारत आने में कामयाब भी हुई।
आईएएनएस