SIT की रिपोर्ट के बाद कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव निलंबित

अनंत देव तिवारी (फाइल फोटो/फेसबुक)

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश के कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के बाद कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव को निलंबित कर दिया है। अपर गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि बिकरु कांड में एसआईटी की रिपोर्ट पर पूर्व एसएसपी-डीआईजी अनंत देव को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तत्कालीन एसएसपी दिनेश पी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

बिकरू कांड के बाद अनंत देव को एसटीएफ के डीआईजी पद से हटाकर पीएसी मुरादाबाद में डीआईजी के पद पर भेज दिया गया था। अब उन्हें पीएसी के डीआईजी पद से निलंबित कर दिया गया है। वह बिकरू कांड से पहले कानपुर नगर के एसएसपी थे।


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बिकरू कांड के समय कानपुर नगर के एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी को बाद में झांसी के एसएसपी पद पर स्थानान्तरित कर दिया गया था। मौजूदा समय में वह इसी पद पर हैं। कारण बताओ नोटिस का जवाब मिलने के बाद उनके खिलाफ लघु दंड की कोई कार्रवाई की जा सकती है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लगभग 75 अफसरों व कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। इस कारण अभी और कई अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होने के आसार हैं।

अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने डीआईजी अनंत देव को कई गंभीर मामलों में दोषी ठहराया है। उन पर थानेदारों की तैनाती में भ्रष्टाचार और शिकायतों के बाद भी कार्रवाई न करने के आरोप हैं। एसआईटी ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र और रिकॉर्डिग को भी अपना आधार बनाया है। अनंत देव लगभग दो साल तक जिले में एसएसपी रहे। उन पर विकास दुबे गैंग को संरक्षण देने का भी आरोप है।


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कानपुर के दुर्दात अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बिकरू गांव पहुंची पुलिस टीम पर हमले में शहीद आठ पुलिसकर्मियों में से एक सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के पत्र को लेकर तत्कालीन एसएसपी और मौजूदा डीआईजी अनंत देव तिवारी जांच के घेरे में आ गए थे।

बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे पर स्थानीय पुलिस की मेहरबानियां खूब थीं और इनमें जिले के पुलिस अफसरों से लेकर सिपाही तक सब शामिल थे। विकरू कांड की एसआईटी जांच में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कई मददगार पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की सिलसिलेवार भूमिका सामने आई थी।

IANS

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