इन्फोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
इन्फोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन, आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य के खिलाफ सोमवार को एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. आईआईएससी फैकल्टी या आईआईएससी बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य क्रिस गोपालकृष्णन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
71वें शहर सिविल एवं सत्र अदालत (सीसीएच) के निर्देशों के आधार पर सदाशिव नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया. शिकायतकर्ता दुर्गप्पा, जो आदिवासी बोवी समुदाय से हैं, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में एक संकाय सदस्य थे.
उसने दावा किया कि 2014 में उसे हनी ट्रैप में झूठा फंसाया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्हें जातिवादी गालियां और धमकियां दी गईं. इस मामले में अन्य आरोपियों में गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैह, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिशी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन शामिल हैं.
कौन हैं क्रिस गोपालकृष्णन
इंफोसिस के सह-संस्थापकों में से एक क्रिस गोपालकृष्णन ने 2011 से 2014 तक इंफोसिस के वाइस चेयरमैन और 2007 से 2011 तक इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्य किया.
नगोपालकृष्ण के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्हें 2013-14 के लिए भारत के शीर्ष उद्योग चैंबर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का अध्यक्ष चुना गया था और जनवरी 2014 में दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सह-अध्यक्षों में से एक के रूप में कार्य किया था. जनवरी 2011 में भारत सरकार ने गोपालकृष्णन को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया.
IIT से फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री
क्रिस गोपालकृष्णन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास से फिजिक्स और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. क्रिस इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियर्स (आईएनएई) के फेलो और इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (आईईटीई) ऑफ इंडिया के मानद फेलो हैं.