“निचली अदालत …..”, संभल मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो | आईएएनएस)

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नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुए विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह के उत्पात और हिंसा के खिलाफ है.

अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे. साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विवाद से उत्पन्न तनाव को जल्द सुलझाया जाए और इलाके में सामाजिक सौहार्द बनाए रखा जाए. संभल मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश जारी करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए और इसे सील बंद लिफाफे में रखा जाए. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को यह भी अवसर दिया कि वह निचली अदालत के आदेश को उच्च अदालत में चुनौती दे सकते हैं.

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें अदालत ने शांति बनाए रखने के प्रति अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह शांति बनाए रखे और मस्जिद कमेटी को भी उच्च न्यायालय में जाने का मौका दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की पूरी स्वतंत्रता है. अगर वह तीन दिन के भीतर याचिका दायर करते हैं, तो मामला उच्च न्यायालय में लिस्ट किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश नहीं आता तब तक ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया को रोक दिया जाए.

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो रिपोर्ट है, वह सीलबंद लिफाफे में दाखिल की जाए. इस आदेश के बाद, अब ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया पर अस्थायी रोक रहेगी. यह रोक तब तक रहेगी जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट अपना निर्देश नहीं देता. मुस्लिम पक्ष ने 19 नवंबर 2024 के आदेश को समाप्त करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को अभी स्वीकार नहीं किया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सभी प्रक्रियाएं हाई कोर्ट के माध्यम से ही चलेंगी और मुस्लिम पक्ष को उच्च न्यायालय में अपील करने का मौका मिलेगा.

बता दें, संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश करने के बाद मस्जिद में कराए जा रहे दूसरे चरण के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वे टीम पर पथराव कर दिया था. देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया था. पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी थी. हिंसा के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी.

इस मामले में अभी तक 31 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. पुलिस ने गुरुवार को जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया, उनकी पहचान आमिर पठान, मोहम्मद अली और फैजान अब्बासी के रूप में हुई. इससे पहले पुलिस ने बुधवार देर रात शांति भंग करने के मामले में फरहत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों से मिले वीडियो के आधार पर 100 से ज्यादा आरोपियों को चिह्नित किया है, जिनमें से अब तक 31 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

आईएएनएस

 

 


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