रेसलर बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री आवास के पास फुटपाथ पर छोड़ा, वीडियो आया सामने

फोटो: आईएएनएस/अनुपम गौतम (फाइल)

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बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष बन गए है. उनके अध्यक्ष बनने का कई पहलवान विरोध कर रहे है. विरोध करने वालों में सबसे आगे है – साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट.

बीते गुरुवार को साक्षी मलिक ने रेसलिंग छोड़ने का एलान कर दिया था. उन्होंने कहा था, “मैं कुश्ती त्यागती हूं.”

इसके अगले दिन यानि आज शुक्रवार को बजरंग पुनिया ने एलान किया था कि वह उनको मिला पद्मश्री पुरस्कार सर्कार को वापस लौटा देंगे. और उन्होंने ऐसा ही किया.

पुनिया ने शुक्रवार शाम को अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ के पास रख दिया और लौट गए. ऐसा उन्होंने विरोध स्वरुप किया.

उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा, ”मैं पद्मश्री पुरस्कार को उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक लेकर जाएगा.”

खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर पुनर्विचार के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “पद्मश्री लौटाना बजरंग पुनिया का निजी फैसला है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “हम इसके बावजूद बजरंग को पद्मश्री लौटाने के अपने फैसले को पलटने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।”

वही खेल मंत्रालय ने कहा कि वह बजरंग पुनिया को समझाने की कोशिश करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि वह पुनिया को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहेगी.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस

 


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