सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवार को क्यों दी गई रूस में शरण ? क्रेमलिन ने बताई वजह
मॉस्को | सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके परिवार ने देश (सीरिया) छोड़ दिया है. वे अब रूस में शरण ले रहे है. रूसी मीडिया ने शीर्ष अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी. बता दें रूस ने सीरियाई गृह युद्ध में असद का साथ दिया था.
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी Tass ने क्रेमलिन के एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट किया कि असद और उनका परिवार मॉस्को में है और मानवीय कारणों से रूस ने उन्हें शरण दी है.
सूत्र ने कहा, “रूस ने हमेशा सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधान के पक्ष में बात की है. हम जोर देते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली वार्ता फिर से शुरू की जाए.”
क्रेमलिन सूत्र ने कहा, “रूसी अधिकारी सशस्त्र सीरियाई विपक्ष के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं. विपक्षी नेताओं ने सीरियाई क्षेत्र में रूसी सैन्य ठिकानों और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा की गारंटी दी है.”
बता दें विद्रोही गुटों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद राष्ट्रपति असद को देश छोड़ कर भागना पड़ा.
59 वर्षीय बशर अल-असद ने साल 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी. उनके पिता 1971 से देश पर शासन कर रहे थे.
2011 उनके शासन काल के लिए सबसे अहम साल रहा जब लोकतंत्र की मांग को लेकर हजारों सीरियाई नागरिक सड़कों पर उतर आए थे लेकिन उन्हें सरकारी दमन का सामना करना पड़ा था. हालांकि सरकार के विरोध में विभिन्न सशस्त्र विद्रोही समूहों का गठन हो गया था. इसके बाद विद्रोह गृह युद्ध में बदल गया.
असद रूस, ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह की मदद से वर्षों तक विद्रोही गुटों का सफलतापूर्व मुकाबला करते रहे. लेकिन पिछले दिनों से अचानक सक्रिय हुए विद्रोही गुटों ने सीरियाई राष्ट्रपति के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी क्योंकि असद के तीन सहयोगी- रूस, हिजबुल्लाह और ईरान, खुद के संघर्षों में उलझे हुए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्षों से हो रहे युद्ध के चलते असद की सेना छोटी और कमजोर हो गई थी. कई सैनिकों ने तो युद्ध लड़ने से इंकार कर दिया था.
असद की सत्ता का पतन रूस और ईरान के लिए बड़ा झटका है. दोनों देशों ने इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सहयोगी खो दिया है.
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk