हाथरस भगदड़ केस में “भोले बाबा” का नाम FIR में क्यों नहीं, CM योगी ने बताया कारण

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो: आईएएनएस)

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हाथरस | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को स्पष्ट किया कि हाथरस हादसे में जो भी लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें उनकी सजा दिलाई जाएगी. कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा. इसके लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं.

हाथरस में घटनास्थल का मुआयना और समीक्षा करने के साथ-साथ घायलों से मिलने के बाद सीएम योगी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से इस पूरी घटना की तह में जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था आयोजन से जुड़े सेवादारों की थी, जबकि प्रशासन द्वारा बाहर पुलिस की व्यवस्था की गई थी. लेकिन, हादसा होने के तुरंत बाद सेवादार वहां से भाग निकले. यहां तक कि उन्होंने हादसे के बाद लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की.

सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए हमने एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की है, जिसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है. उन्हें इस घटना के तह में जाने के लिए कहा गया है. बहुत सारे ऐसे पहलू हैं, जिन पर जांच होना बहुत आवश्यक है.

भोले बाबा के विरुद्ध एफआईआर नहीं होने के प्रश्न पर सीएम योगी ने कहा कि प्रथम दृष्टया एफआईआर उन पर होती है जिन्होंने कार्यक्रम की परमिशन मांगी थी. इसके बाद इसका दायरा बढ़ता है. निश्चित रूप से जो लोग भी इस घटना के जिम्मेदार होंगे, वो सभी इसके दायरे में आएंगे.

सीएम योगी ने कहा कि मंगलवार को हाथरस जनपद के सिकंदराराऊ तहसील के एक गांव में दुखद और दर्दनाक घटना घटित हुई थी. इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिए शासन स्तर पर हम लोगों ने मंगलवार को ही कदम उठाए थे. इस हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई, जो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी जुड़े हुए हैं. उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, संभल और लखीमपुर खीरी समेत 16 जनपदों के भी कुछ श्रद्धालुजन हैं, जो इस हादसे के शिकार हुए हैं. 121 में से 6 मृतक ऐसे थे, जो अन्य राज्यों से थे, जिनमें ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से एक, हरियाणा से 4 और राजस्थान से एक थे. जो घायल हैं, उनमें 31 ऐसे हैं, जिनका हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है और सभी खतरे से बाहर हैं.

 


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