मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भी क्यों दुखी है आतिशी, कहा-“… आप लोग मुझे न बधाई दे न माला पहनाए …”

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नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अगर आज मैं किसी और पार्टी में होती तो मुझे शायद चुनाव लड़ने के लिए भी टिकट नहीं मिलता. लेकिन मुझे अरविंद केजरीवाल ने एक फर्स्ट टाइम पॉलिटिशियन (पहली बार की नेता) होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री की कमान सौंपने का फैसला किया है.

आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए कहा, “भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं. उन्हें झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया. अपनी सभी एजेंसियों को उनके पीछे छोड़ दिया है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी. कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी की है कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोते के समान है. जेल से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने वो किया है जो दुनिया का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं कर सकता है. शीर्ष अदालत से जमानत मिलने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. यह त्याग भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का कोई भी नेता नहीं कर सकता है.”

आतिशी ने कहा, “मुझे एक बुजुर्ग महिला मिली और उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. बुजुर्ग महिला ने कहा कि मैं अपने बेटे को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती हूं. मेरे बेटे (केजरीवाल) को बार-बार परेशान किया जा रहा है लेकिन, दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल की अहमियत को समझती है. दिल्ली की जनता को भली भांति पता है कि अगर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, तो यहां लोगों को मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद हो जाएंगी. उन्हें बस में फ्री सेवा, फ्री स्वास्थ्य सुविधा, फ्री शिक्षा नहीं मिल पाएगी. भाजपा की 22 राज्यों में सरकार है, लेकिन अभी तक वो किसी भी राज्य में इस तरह की सुविधा नहीं दे पा रही है.”

आतिशी ने आगे कहा, “मुझे पता है कि भाजपा दिल्ली की जनता को मिल रही सभी सुविधाओं से वंचित रखना चाहती है. भाजपा दिल्ली की जनता को अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मिलने से रोकना चाहती है. ये लोग नहीं चाहते हैं कि दिल्ली की जनता को मुफ्त शिक्षा मिले. मैं चुनाव होने तक सीएम की कुर्सी पर काबिज हूं.”

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “आप लोग मेहरबानी करके मुझे बधाई मत दीजिए. केजरीवाल मेरे गुरु हैं, उन्होंने मुझे विधायक, मंत्री और अब मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है, लेकिन आज मैं बहुत दुखी है कि मेरे बड़े भाई अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं.”

उल्लेखनीय है कि सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री की कमान सौंपे जाने का फैसला सर्वसम्मति से किया गया. आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने वाली तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी सीएम पद पर रह चुकी थी.

सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति मामले में जमानत मिलने के बाद सीएम केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने नवंबर में ही चुनाव कराए जाने की मांग की थी.

 


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