ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा करने की अनुमति मिलने के बाद क्या है अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का रुख?
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति, जो वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है, ने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसने हिंदुओं को मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी थी.
बुधवार को वाराणसी की जिला अदालत ने हिन्दू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में प्रार्थना करने की अनुमति दी थी.
मुस्लिम पक्ष ने बेसमेंट (तहखाने) के अंदर पूजा पर 15 दिनों के लिए रोक लगाने की मांग करते हुए जिला अदालत में याचिका भी दायर की है.
हिंदू पक्ष ने भी एक कैविएट दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि अदालत द्वारा कोई भी आदेश पारित करने से पहले उन्हें सुना जाए.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार गुप्ता के समक्ष इस मामले का उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने किया. उन्हें (एसएफए नकवी) कोर्ट रजिस्ट्रार के समक्ष तत्काल लिस्टिंग याचिका दायर करने के लिए कहा गया.
तदनुसार, कोर्ट रजिस्ट्रार के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया है. इस मामले पर अब जल्द ही सुनवाई हो सकती है.
इससे पहले, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. मस्जिद कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के आदेश (पूजा करने की अनुमति देना) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.
वाराणसी जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सीलबंद तहखानों (व्यास जी का तहखाना) में से एक के अंदर पूजा अनुष्ठान करने के लिए 7 दिनों के भीतर उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था.
आपको बता दे कि व्यास जी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में स्थित है. वर्ष 1993 में इस स्थान (व्यास जी का तहखाना) पर पूजा बंद करा दी गई थी. 31 साल बाद पूजा-अर्चना बुधवार की देर रात हुई.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)