“पहले राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था, आज के राजा को भेष बदलने का शौक तो है लेकिन….”, लोक सभा में बोली प्रियंका गांधी

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संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को 14वें दिन संविधान पर चर्चा हुई. इस दौरान, केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संबोधन दिया. यह लोक सभा में उनका पहला संबोधन था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को जमकर घेरा.

उन्होंने कहा, “आज के राजा आलोचनाओं से डरते हैं. विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है. उन्हें सताया जाता है. पूरे देश का माहौल भय से भर दिया है.”

उन्होंने कहा, “मैं याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था. जब इस तरफ बैठे हुए गांधी के विचारधारा के लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तब उस विचारधारा के लोग अंग्रेजों के साथ सांठ-गांठ कर रहे थे. लेकिन भय का भी अपना स्वभाव होता है. भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार बन जाते हैं. आज इनकी भी यही हालत हो गई है. भय फैलाने के इतने आदी हो गए हैं कि चर्चा से डरते हैं. आलोचनाओं से डरते हैं.”

उन्होंने कहा, “पहले राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था. लेकिन आज का राजा भेष तो बदलते हैं, शौक तो है उनको भेष बदलने का, लेकिन न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की. मैं तो सदन में नई हूं. सिर्फ 15 दिन से आ रही हूं. लेकिन मुझे ताज्जुब होता है कि इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं, प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक दिन के लिए 10 मिनट दिखे हैं. बात ये है कि ये देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है. इसको बनाने वाले देश के किसान, जवान, करोड़ों मजदूर और गरीब जनता है. संविधान इनको साहस देता है. मेहनती मिडिल क्लास है. इस देश के करोड़ों देशवासी हैं, जो रोजाना भयंकर परिस्थितियों का सामना करते हैं, उनको साहस देता है.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क

 

 


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