बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- “अगर कोई दोषी हो तो भी घर नहीं गिराया जा सकता”
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई हुई. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा, “अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है.”
सुप्रीम कोर्ट जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है. अब इस केस की सुनवाई 17 सितंबर को होगी.
जमीयत के वकील फारूक रशीद का कहना है कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने और उन्हें डराने के लिए राज्य सरकारें घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा दे रही हैं.
याचिका में यह भी आरोप है कि सरकारों ने पीड़ितों को अपना बचाव करने का मौका ही नहीं दिया. बल्कि कानूनी प्रक्रिया का इंतजार किए बिना पीड़ितों को तुरंत सजा के तौर पर घरों पर बुलडोजर चला दिया.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी सड़क को बाधित करने वाले अवैध ढांचे को संरक्षण नहीं देंगे.
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