विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई करने के मामले में खेल मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान….. विपक्ष का वॉकआउट, VIDEO

The Hindi Post

नई दिल्ली | भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई करने के मामले में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को लोकसभा में बयान दिया.

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने सदन को बताया कि भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को तय कैटेगरी में ज्यादा वजन (100 ग्राम) होने की वजह से पेरिस ओलिंपिक से बाहर होना पड़ा है. विनेश 50 किलोग्राम की कैटेगरी में खेल रही थी. स्पर्धा के लिए विनेश का वजन 50 किग्रा होना अनिवार्य था. अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार, सभी प्रतियोगिताओं के लिए, संबंधित श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-माप का आयोजन किया जाता है. अनुच्छेद-11 के अनुसार, “यदि कोई एथलीट वजन-माप (प्रथम अथवा द्वितीय) में भाग नहीं लेता है अथवा असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा.”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 7 अगस्त को 50 किलोग्राम महिला कुश्ती वर्ग के लिए वजन नापने का काम सुबह 7:15 बजे से 7:30 बजे (पेरिस समय) के बीच हुआ. विनेश का वजन 50 किलो 100 ग्राम पाया गया. इसलिए उन्हें स्पर्धा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.

“इस मामले को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध दर्ज कराया है.”

विनेश मंगलवार को 3 मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थी. सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी. उन्हें बुधवार की रात करीब 10 बजे गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था.

उन्होंने सदन को बताया कि जहां तक उनकी तैयारी हेतु सहायता का प्रश्न है, भारत सरकार ने विनेश फोगाट की उनकी आवश्यकता के अनुसार हरसंभव सहायता प्रदान की है. उनके लिए पर्सनल स्टाफ भी नियुक्त किया गया था. वह अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं. उनके साथ हंगरी के विख्यात कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल हमेशा रहते हैं. उनको ओलंपिक के लिए इनके अतिरिक्त व्यक्तिगत सहायक स्टाफ जैसे विभिन्न स्पारिंग पार्टनर्स, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई.

उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट को कोच के तौर पर वोलर अकोस, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ वेन पैट्रिक लोम्बार्ड, फिजियोथेरेपिस्ट अश्विनी जीवन पाटिल, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ मयंक सिंह गरिया और स्पारिंग पार्टनर के तौर पर शुभम और अरविंद को दिया गया था. विनेश को पेरिस ओलंपिक के लिए सरकार की तरफ से कुल 70 लाख 45 हजार और 775 रुपए की वित्तीय सहायता दी गई थी. मंत्री ने इसका पूरा विवरण भी सदन के सामने रखा.

मनसुख मंडाविया जब विनेश फोगाट को सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता देने की जानकारी दे रहे थे उस समय विपक्षी सांसदों ने खड़े होकर विरोध करना शुरू कर दिया. वे विनेश फोगाट के साथ पहले किए गए व्यवहार को लेकर नारेबाजी करने लगे. विपक्षी बेंच की तरफ से इस मामले में सरकार पर ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप भी लगाया गया. लेकिन, नियमों का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया. खेल मंत्री के बयान से असंतुष्ट कांग्रेस, टीएमसी और सपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया.

 


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