तो क्या चंद्रमा पर भी आते है “भूकंप”? इसके बारे में ISRO ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

फोटो क्रेडिट: इसरो

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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अगस्त को सफलतापूर्वक उतरने के बाद से लैंडर विक्रम काम में जुटा हुआ है. वह रोज नित नई जानकारियां दे रहा है. अब विक्रम लैंडर ने चांद पर प्राकृतिक कंपन जैसी गतिविधि को रिकॉर्ड किया है.

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि विक्रम लैंडर पर ऐसे उपकरण लगे हैं जो चंद्रमा की सतह पर होने वाली कंपन की गतिविधि को रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं.

गुरुवार को इन उपकरणों ने चंद्रमा की सतह पर सिस्मिक एक्टिविटी का पता लगाया.

ISRO ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “चांद पर सिस्मिक एक्टिविटी का पता लगाने के लिए भेजे गए पहले माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (MEMS) बेस्ड उपकरण इंस्ट्रूमेंट फॉर द लूनर सिस्मिक एक्टिविटी (ILSA) पेलोड ने चांद की सतह पर रोवर और दूसरे पेलोड में कंपन रिकॉर्ड किया है.”

इस उपकरण ने 26 अगस्त को यह घटना रिकॉर्ड की थी. ISRO का कहना है कि यह स्वाभाविक घटना प्रतीत हो रही है. हालांकि, इस घटना के स्रोत की जांच की जा रही है.

ISRO के मुताबिक ILSA का उद्देश्य प्राकृतिक भूकंपों, उसके प्रभावों और कृत्रिम घटनाओं के चलते सतह पर होने वाले कंपन को मापना है.

ISRO ने कहा कि ILSA पेलोड को LEOS, बैंगलोर द्वारा डिज़ाइन और कार्यान्वित किया गया है. इसको तैनात करने का तरीका/तंत्र URSC, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क


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