उत्तराखंड के जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से भीषण बाढ़
चमोली (उत्तराखंड): उत्तराखंड के चमोली जिले के रेनी गांव के पास एक पॉवर प्रोजेक्ट के पास हिमस्खलन होने से धौलीगंगा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई, जिसकी वजह से जोशीमठ क्षेत्र में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है। घटना रेनी गांव के पास हुई, जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है। धौलीगंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई और इसके किनारे कई घर नष्ट हो गए।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि लगभग 10 बजे कुछ बादल फटने या जलाशय में जलस्तर में तीव्र वृद्धि से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जोकि गंगा नदी के 6 स्रोत धाराओं में से एक है।
ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करने वाले कई मजदूरों के लापता होने की आशंका है।
तपोवन बिजली परियोजना का एक बांध टूट गया और उसके बह जाने की आशंका है।
आईटीबीपी और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
Prayers in the face of nature’s fury. Today at Chamoli disaster situation after Nandadevi glacier broke down. Status of dam. For disaster emergency contact 9557444486. pic.twitter.com/qDhIvh9HF2
— Parveen Kaswan (@ParveenKaswan) February 7, 2021
आईटीबीपी ने कहा, “हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सैकड़ों आईटीबीपी के जवान बचाव अभियान के लिए पहुंचे हैं।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लेने और बचाव और राहत कार्यो की निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूटे हैं वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
सरकार ने लोगों से गंगा नदी के पास न जाने की अपील भी की है।
IANS