एसपी ऑफिस पर हमला, किया गया पथराव, फेंके गए पेट्रोल बम, अब लिया गया यह फैसला

मौके पर पुलिस जांच करती हुई (सांकेतिक तस्वीर)

The Hindi Post

शुक्रवार को भीड़ ने मणिपुर के कांगपोकपी जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पर हमले के एक दिन बाद, इस जिले में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

हिंसक भीड़ ने शुक्रवार को कांगपोकपी जिले के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर हमला कर दिया था. भीड़ ने एसपी ऑफिस पर पथराव किया था. साथ ही पेट्रोल बम भी फेंके थे. इस हमले में एसपी मनोज प्रभाकर घायल हो गए थे. साथ ही कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे. सुरक्षाबलों ने भीड़ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए बल प्रयोग किया था. शनिवार को इस जिले में सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई.

इंफाल में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मणिपुर पुलिस के कमांडो, केंद्र और राज्य सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी को कांगपोकपी जिला मुख्यालय और आसपास के इलाकों में तैनात किया गया है.

एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी कांगपोकपी जिले में साइबोल गांव में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाने की मांग करते हुए सीओटीयू के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे. तभी हिंसक भीड़ ने पुलिस अधीक्षक कांगपोकपी के कार्यालय पर पथराव कर दिया. इसके साथ ही पेट्रोल बम से हमला किया. इस घटना में कांगपोकपी जिले के एसपी मनोज प्रभाकर के माथे पर चोट लगी. साथ ही एसपी ऑफिसर परिसर में खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.

अधिकारी ने बताया कि एसपी का अस्पताल में इलाज किया गया. अब स्थिति नियंत्रण में है और वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त सुरक्षा बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है.

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों सहित कई अन्य लोगों को भी चोटें आई थी. घटना में घायल हुए कई अन्य लोगों को भी अस्पतालों ले जाया गया था.

अधिकारी के अनुसार, साइबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित लाठीचार्ज के खिलाफ कुकी संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था. गांव में केंद्रीय बलों विशेषकर बीएसएफ और सीआरपीएफ की निरंतर तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दोपहर (शुक्रवार) से ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय के सामने इकट्ठा हो गए थे.

कांगपोकपी के जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश में एसडीएम को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने, स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संपर्क में रहने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

बता दे कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk

 


The Hindi Post
error: Content is protected !!