अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने से इनकार कर दिया है. अडानी- हिंडनबर्ग मामले पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जस्टिस, जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाया.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ 24 मामलों में से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील पर गौर किया.
शीर्ष अदालत ने बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए सेबी को फिलहाल 3 महीने का समय और दिया है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच रिपोर्ट में दखल देने से इनकार कर दिया. तीन जजों की बेंच ने कहा कि सेबी की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच के लिए सक्षम एजेंसी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हिंडनबर्ग रिसर्च जैसे तीसरे पक्ष के संगठनों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को “निर्णायक सबूत” नहीं माना जा सकता है.
गौलतलब है कि अमेरिकी फर्म ने साल 2023 में जनवरी के ही महीने में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें अडानी की कंपनी के शेयर ओवरवैल्यूएड होने और कीमतों में हेरफेर समेत समूह पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)