सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका, कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से किया इंकार
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की याचिका पर विचार से इनकार कर दिया. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ “अपमानजनक” विज्ञापनों के प्रकाशन से रोक दिया था.
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि प्रथमदृष्टया विज्ञापन “अपमानजनक” थे. सुप्रीम कोर्ट और अधिक कटुता बढ़ाने की इजाजत नहीं दे सकता.
कोर्ट में भाजपा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने दलील दी कि विज्ञापन तथ्यों पर आधारित थे. हाईकोर्ट इस पर एकतरफा रोक नहीं लगा सकता. हालांकि, याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की इच्छा को भांपते हुए पटवालिया ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी.
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने याचिका को वापस लिया हुआ मानते हुए इसे खारिज कर दिया.
पिछले सप्ताह अपने एक आदेश में, कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन विज्ञापनों के प्रकाशन पर एक रोक लगा दिया था जो तृणमूल और उसके पदाधिकारियों के राजनीतिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
IANS