इस्तीफे के बाद उद्धव ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो कोर्ट उन्हें बहाल कर सकती थी, लेकिन कोर्ट इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती है. उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, उन्होंने इस्तीफा दिया था. ऐसे में कोर्ट इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकता है.

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने यह निष्कर्ष निकाल कर गलती की कि उद्धव ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत ठाकरे द्वारा सौंपे गए इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती है.

पांच जजों की बेंच ने उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं ने यथास्थिति बहाल करने का तर्क दिया है, लेकिन उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना ही नहीं किया था. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास महा विकास अघाड़ी सरकार के विश्वासमत पर संदेह करने और फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कोई तथ्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ऐसी शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकते जो सविंधान या कानून ने उन्हें नहीं दी है.

बेंच ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस और निर्दलीय विधायक भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आए थे और राज्यपाल के विवेक का प्रयोग कानून के अनुसार नहीं था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न तो संविधान और न ही कानून, राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और किसी पार्टी के अंदरूनी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है.

शीर्ष अदालत ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की बगावत को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर अपना फैसला सुनाया. इस बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)


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