“अगर हिम्मत हैं तो महाराष्ट्र आकर दिखाएं….”, महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को दिया खुला चैलेंज

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (फाइल फोटो | आईएएनएस)

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मुंबई | एनसीपी (एसपी) नेता रोहित राजेंद्र पवार ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को खुला चैलेंज दिया है. उन्होंने ललकारते हुए कहा कि हिम्मत है तो वह महाराष्ट्र आकर दिखाएं. वहीं पहलगाम आतंकी हमले को लेकर ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी के दिए बयान की सराहना की.

आईएएनएस से बातचीत में निशिकांत को चुनौती देते हुए रोहित पवार ने कहा, “उन्हें पता ही नहीं चला कि मराठी लोग कौन हैं. महाराष्ट्र में अगर कोई गुजराती हो या कोई राजस्थानी हो या साउथ से हो या नॉर्थ से हो, जो महाराष्ट्र में जन्म लेता है और मराठी का मान सम्मान रखता है, वो हमारे लिए मराठी व्यक्ति है. उसको भाषा आए या न आए.”

रोहित पवार ने आगे कहा, “अगर निशिकांत दुबे में हिम्मत है तो महाराष्ट्र में आकर मराठी के खिलाफ बोलकर दिखाएं, फिर आपको पता चलेगा.”

बता दें, रोहित पवार ने निशिकांत दुबे के उस बयान पर जवाब दिया है, जिसमें निशिकांत दुबे ने कहा था, हिंदी भाषी लोगों को मुम्बई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ. अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है. कौन कुत्ता और कौन शेर, खुद ही फैसला कर लो.


एनसीपी (एसपी) नेता रोहित राजेंद्र पवार (फाइल फोटो | आईएएनएस)

ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए बयान की तारीफ करते हुए पवार ने कहा, जैसा पीएम मोदी ने कहा कि यह मानवता की हत्या है वो बिल्कुल सही कहा. अगर किसी भी देश का नागरिक आतंकवादी हमले में मारा जाता है तो वह मानवता पर सीधा हमला होता है. आतंकवाद का कोई समर्थन नहीं करता. यह सच है कि जो हमले हुए हैं, वे भी मानवता पर ही हमले हैं.

वहीं, दिनेश लाल यादव निरहुआ को लेकर रोहित पवार ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कौन-से अभिनेता हैं. उनकी फिल्में देखनी पड़ेंगी कि वह किस प्रकार की फिल्में बनाते हैं. वह भाजपा के पदाधिकारी हैं और बिहार में बैठकर मराठी लोगों के बारे में बयान दे रहे हैं. तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूं कि पहले महाराष्ट्र आकर देखो. महाराष्ट्र की संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने वाली है. लेकिन अगर कोई यहां आकर मराठी लोगों के खिलाफ बोलेगा तो वह हम कभी सहन नहीं करेंगे.

बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, पिछली बार इन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, और अब मराठी मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. यहां लड़ाओ, तोड़ो, मारो, भेदभाव करो और राजनीति करो की नीति चलाई जा रही है.

धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर धाम वाले बाबा) पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “जो बाबा हैं, उन्होंने यहां आकर महाराष्ट्र के महान संतों के बारे में निम्न स्तर की बातें की थीं. मैं उन्हें बस यही कहना चाहता हूं कि आप मध्य प्रदेश में हैं, वहां भाजपा का जो भी एजेंडा है, वह आप चलाएं. लेकिन महाराष्ट्र में संतों के विचार लोगों के खून में बसे हैं. यहां भेदभाव की राजनीति नहीं चलेगी. यहां हम केवल संतों के विचारों से ही चलते हैं.”

IANS

 


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