अगले साल तक आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी करेगी लांच: वित्त मंत्री
नयी दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले साल तक खुद ही डिजिटल करेंसी लांच करेगी, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होगी। आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी लांच करते ही भारत उन चुनिंदा देशों के सूची में शामिल हो जायेगा , जहां के सेंट्रल बैंक खुद की डिजिटल करेंसी लांच कर चुके हैं। अब भी अधिकतर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लेकर परिकल्पना ही तैयार करने के दौर में हैं।
संसद में आज दिये गये अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि ब्लॉकचेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके आरबीआई 2022-23 की शुरुआत में डिजिटल करेंसी लायेगी। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर विचार कर रही है। हालांकि, निजी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उसका मत भिन्न है।
आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांता दास ने पहले ही कहा है कि मैक्रोइकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही चिंताजनक विषय है।
करीब 80 प्रतिशत से अधिक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लेकर उत्सुक हैं। चीन का डिजिटल आरएमबी किसी बड़ी अर्थव्यवस्था द्वारा जारी की गयी पहली डिजिटल करेंसी है। तजाकिस्तान ने 27 सिंतबर 2021 को फैंटम फांउडेशन के साथ सीबीडीसी लांच करने की घोषणा की थी और नाइजीरिया ऐसा पहला अफ्रीकी देश था, जिसने अपनी सीबीडीसी लांच की थी।
बैंक ऑफ अमेरिका ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी मौजूदा डिजिटल करेंसी से अलग होगी क्योंकि यह किसी वाणिज्यिक बैंक की नहीं बल्कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की जिम्मेदारी होगी और इसीलिए इसमें कोई क्रेडिट या लिक्वि डिटी रिस्क नहीं होगा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सीबीडीसी के लाभ और जोखिम को लेकर एक पेपर भी प्रकाशित किया है।
पहले भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नये नियम लाने वाली थी लेकिन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 नहीं पेश किया गया।
आईएएनएस