अब बिना इंटरनेट के भी हो सकेगी डिजिटल पेमेंट, आरबीआई ने पेश किया समाधान
मुंबई | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को देश भर में ऑफलाइन मोड में खुदरा (रिटेल) डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव रखा। आम बोलचाल में इसका अर्थ है सुविधा की शुरुआत, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम/उपलब्ध नहीं है (ऑफलाइन मोड) में भी डिजिटल लेनदेन किया जा सकता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली इस नवीन तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है और इससे यह सीखने को मिलता है कि इस तरह के समाधान पेश करने की गुंजाइश है खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में।
6 अगस्त, 2020 को विकासात्मक और नियामक नीतियों पर आरबीआई के वक्तव्य ने नवीन प्रौद्योगिकी के पायलट परीक्षण करने के लिए एक योजना की घोषणा की थी जो उन स्थितियों जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम/उपलब्ध नहीं है (ऑफलाइन मोड) में भी खुदरा डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाता हो।
सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के तहत तीन पायलटों (परीक्षणों) का सफलतापूर्वक संचालन किया गया, जिसमें 1.16 करोड़ रुपये के मूल्य के 2.41 लाख की मात्रा को कवर करने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन शामिल थे।
पायलटों से प्राप्त अनुभव और उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए, आरबीआई ने अब पूरे देश में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव किया है। इससे सम्बंधित विस्तृत दिशा-निर्देश यथासमय जारी किए जाएंगे।
आईएएनएस