पुलिस ने सात बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया, घुसपैठ नेटवर्क का भंडाफोड़
सूरत | सूरत पुलिस ने सात बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार कर भारत में घुसपैठ कराने वाले नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है.
पुलिस ने गुरुवार को कहा कि इस ऑपरेशन में तीन महिलाओं और चार पुरुषों सहित अन्य लोगों को भारत में प्रवेश कराने के लिए जिम्मेदार मुख्य एजेंट को गिरफ्तार किया गया है. इस एजेंट ने प्रति व्यक्ति 90,000 रुपये की रकम ली थी. ये गिरफ्तारियां बुधवार को की गई.
अधिकारियों ने बताया कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने नकली पहचान दस्तावेज जब्त किए हैं.
मुख्य आरोपी ने वेश्यावृत्ति कराने के लिए बांग्लादेशी महिलाओं और आर्थिक अवसरों की तलाश कर रहे पुरुषों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए यह नेटवर्क बनाया था.
पुलिस फिलहाल इस मामले से जुड़े एक और संदिग्ध की तलाश कर रही है जो अहमदाबाद का रहने वाला है और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए अवैध दस्तावेज बनाने में लिप्त था.
सूरत पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों को बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से ले जाया जा रहा है. कुछ बांग्लादेशी सूरत के पलसाना इलाके में भी रहते है.
इस सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं और दो पुरुषों को पकड़ लिया. इन व्यक्तियों से की गई पूछताछ में अवैध घुसपैठों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार एजेंट का पता चला. इस शख्स का नाम इब्राहिम राज तोबिमार शेख है.
अधिकारियों ने शेख को उधना क्षेत्र के चोकसी अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया है.
पूछताछ के दौरान, इब्राहिम, जिसे राज के नाम से भी जाना जाता है, ने वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से भारत में बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी में अपनी संलिप्तता की बात कबूल की. वह बांग्लादेश के पेरोली गांव का रहने वाला है. वह वहां के गरीब लोगों को भारत में घुसपैठ कराता था. बदले में वह उनसे मोटी रकम लेता था.
इस मामले में एक अन्य आरोपी, अहमदाबाद के नोबेलनगर इलाके में रहने वाला शाहिद खान मुस्तफा खान है जो घुसपैठियों के लिए फर्जी पहचान पत्र तैयार करने, उन्हें गलत तरीके से भारतीय नागरिक के रूप में चित्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है.
हालांकि, शाहिद खान मुस्तफा खान सूरत पुलिस की गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा है. वह फरार है. अधिकारियों ने उसे वांछित भगोड़ा घोषित कर दिया है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस