किसानों ने पंजाब, हरियाणा में शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों को किया जाम
चंडीगढ़ | केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गो को बंद कर दिया। ये कदम किसान संघों द्वारा किए गए देशव्यापी चक्का जाम के तहत उठाए गए।
हालांकि 3 घंटे का यह जाम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, फिर भी यात्रियों को खासी समस्या का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस को नहीं रोका। अधिकांश टोल प्लाजाओं पर वाहनों की एक लेन को नहीं रोका गया, ताकि आपातकालीन वाहनों की आवाजाही हो सके।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक के लिए राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का आान किया था। राष्ट्रीय ध्वज और अपने संघ के झंडे लगाए हुए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों को राजमार्गो पर पार्क कर दिया गया था, जिससे राज्य के बड़े टोल प्लाजा बंद हो गए।
हालांकि विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न जगहों पर भारी पुलिस तैनात की गई थी। साथ ही कई जगहों पर ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया था।
विरोध स्थलों पर लंगर आयोजित किए गए। कलाकार सभाओं में प्रस्तुति देकर लोगों का मनोरंजन कर रहे थे। इन सभाओं में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी)के अलावा आप ने भी पंजाब में चक्का जाम में हिस्सा लिया।
हरियाणा के रोहतक-दिल्ली राजमार्ग पर किसानों ने फंसे हुए यात्रियों को भोजन और पानी दिया। चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत जिलों में कई जगहों पर बंद किया गया। पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू टोल प्लाजा के पास हुए धरने में विपक्षी पार्टी कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पानीपत के पास पानीपत-रोहतक राजमार्ग, कैथल और पिहोवा में हिसार-चंडीगढ़ राजमार्ग और असंध के पास करनाल-जींद राजमार्ग को बंद कर दिया।
-आईएएनएस