ओवैसी ने ‘धार्मिक असंतुलन’ के मोहन भागवत के दावे को किया खारिज, कहा मुसलमान सबसे ज्यादा कंडोम का करते हैं इस्तेमाल

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हैदराबाद | RSS प्रमुख मोहन भागवत की भारत में ‘धार्मिक असंतुलन’ की बात को खारिज करते हुए, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर वास्तव में घट रही है और दावा किया कि मुसलमान कंडोम का सबसे अधिक उपयोग करते हैं।

ओवैसी की यह टिप्पणी मोहन भागवत द्वारा जनसंख्या असंतुलन पर चिंता व्यक्त करने के बाद आई है। RSS की वार्षिक दशहरा रैली में अपने भाषण में भागवत ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक व्यापक नीति बनाने का भी आह्वान किया था।

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि भागवत मुस्लिम आबादी के बारे में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि तथ्य यह है कि उनकी आबादी कम हो रही है।

“तनाव मत ले। मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ रही है। वास्तव में, यह गिरावट पर है, ”ओवैसी ने यह बात शनिवार देर रात ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

ओवैसी ने कहा, “दो बच्चों के बीच के गैप को स्पेसिंग कहते हैं। क्या आप जानते हैं कि इसे (गैप को) सबसे ज्यादा कौन मैंटेन कर रहा है? हम मुसलमान। कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कौन कर रहा है? हम (मुसलमान) कर रहे हैं,” उन्होंने इन ‘तथ्यों’ पर भागवत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।

ओवैसी ने RSS प्रमुख से हिंदुओं में कन्या भ्रूण हत्या पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि 2000 से 2019 के बीच 90 लाख हिंदू लड़कियों पैदा ही नहीं होने दिया गया। ओवैसी बोले, “मुसलमानों में, प्रति 1,000 पुरुषों पर 943 महिलाएं हैं, जबकि हमारे हिंदू भाइयों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 913 महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा कि 2020 में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि वह देश में परिवार नियोजन को अनिवार्य नहीं बनाना चाहती।

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ओवैसी ने कहा कि भागवत मुसलमानों के प्रति अपनी नफरत के कारण यह दावा करके डर पैदा करने की कोशिश कर रहे थे कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है। 

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को गद्दार, गाय खाने वाले और आतंकवादी कहकर और मदरसों को आतंकवाद के केंद्र के रूप में पेश करके उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत हम अल्पसंख्यक हैं। मैं देश में भाजपा और आरएसएस की दया पर नहीं रह रहा हूं।” सांसद ने कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ का विचार भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है, और यह देश की आजादी के लिए लड़े महान स्वतंत्रता सेनानियों के देखे गाए सपनों को चकनाचूर कर देगा।

उन्होंने भागवत को याद दिलाया कि RSS ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया था जबकि कई मुस्लिम नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी  उन्होंने कहा, “मौलवी अलाउद्दीन को कालापानी भेजा गया था लेकिन उन्होंने सावरकर की तरह अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी थी।”

ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जहां भी सत्ता में है, मुसलमानों को लगता है कि वे खुली जेलों में रह रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में किए जा रहे मदरसों के सर्वेक्षण की आलोचना की और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाया।

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजरात में पुलिस द्वारा मुस्लिम युवकों की सार्वजनिक पिटाई पर बोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवकों को एक पोल से बांध दिया गया था और इसे देखने के लिए एकत्र हुए लोगों के नारों के बीच सार्वजनिक रूप से पीटा गया था। उन्होंने कहा, “अगर इसी तरह सजा दी जाती है, तो अदालतें बंद कर दें और पुलिस को हटा दें।”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)

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