जम्मू के डोडा में भारतीय सेना का एक अफसर और तीन जवान शहीद, जानिए क्या कहा रक्षा मंत्री ने?
जम्मू | जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चारों जवानों की बहादुरी को भारतीय सेना ने सलाम किया है. सेना ने कहा कि वह शहीदों के परिवार के साथ खड़ी है. सोमवार शाम शुरू हुई इस मुठभेड़ में एक अधिकारी सहित सेना के चार जवान और एक स्थानीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी जवान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. इन्होंने डोडा में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दे दी. भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है.”
जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है.
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की और जमीनी हालात तथा चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी ली.
राजनाथ सिंह ने X पर लिखा, “डोडा (जम्मू-कश्मीर) के उरारबागी में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारतीय सेना के हमारे बहादुर जवानों की शहादत पर काफी शोकाकुल हूं. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं. अपने कर्तव्य के निर्वहन में जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है.”
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है. हमारे सैनिक क्षेत्र में आतंकवाद को समाप्त करने और शांति-व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
Deeply saddened by the loss of our brave and courageous Indian Army Soldiers in a counter terrorist operation in Urrar Baggi, Doda (J&K). My heart goes out to the bereaved families. The Nation stands firmly with the families of our soldiers who have sacrificed their lives in the…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 16, 2024
सोमवार देर शाम यह मुठभेड़ उस समय हुई थी जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा शहर से 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था. कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की थी लेकिन सैनिकों ने उनका पीछा किया था. अधिकारियों ने बताया कि रात करीब 9 बजे जंगल में फिर से गोलीबारी शुरू हो गई थी.
पहले मुठभेड़ में सेना और पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई थी. मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.