नीरव मोदी ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण अपील का पहला चरण हारा

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लंदन | भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी, जो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 13,500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में भारत से फरार है, वह ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में अपनी प्रत्यर्पण अपील का पहला चरण हार चुका है। उच्च न्यायालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि अपील की अनुमति मंगलवार को कागज पर खारिज कर दी गई थी।

अपील के लिए पेश कागजात पर निर्णय के लिए एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष अपील दायर की गई थी, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि गृह सचिव के फैसले या वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में अपील करने के लिए कोई आधार है या नहीं। भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने इस साल 16 अप्रैल को नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से वह लंदन की एक जेल में बंद है।

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इसी साल 25 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी।

नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहा है।

उस पर सबूत गायब करने और गवाहों को डराने के दो अतिरिक्त आरोप भी हैं, जिन्हें सीबीआई मामले में जोड़ा गया था।

ईडी ने मामले के सिलसिले में नीरव मोदी की करोड़ों रुपये की कई संपत्ति कुर्क की है।

मामले में नीरव मोदी के चाचा मेहुल चौकसी से भी पूछताछ की जा रही है।

एक दिन पहले ईडी ने कहा कि उसने भगोड़े व्यवसायियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कुल 9,371 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकारी बैंकों को सौंप दी है, ताकि उनके खिलाफ किए गए धोखाधड़ी के कारण नुकसान का एहसास हो सके।

आईएएनएस

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