FIR में दावा, “बृज भूषण ने नाबालिग पहलवान को किया Bad Touch , कहा – तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तेरे को सपोर्ट करूंगा. मेरे साथ टच में रहना.”

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नई दिल्ली | भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों में से एक ने उन पर गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है. FIR में प्रताड़ना के आरोपों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

FIR में 17 साल की एक पहलवान ने कहा है, “सर, मैं अपने बल-बूते पर यहां तक पहुंची हूं, आगे भी मेहनत करती रहूंगी.”

FIR के अनुसार, “उन्होंने (बृज भूषण शरण सिंह) मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे कंधे को बहुत जोर से दबाया. फिर जानबूझकर उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे से नीचे खिसकाते हुए मेरे स्तनों को छुआ. मेरे स्तनों पर हाथ फेरते हुए उन्होंने कहा – तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तेरे को सपोर्ट करूंगा. मेरे साथ टच में रहना.”

नाबालिग के पिता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, “यह घटना 2022 की है. उस समय बेटी 16 साल की थी. उसने राष्ट्रीय खेलों में सब जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया था.”

FIR में आगे उल्लेख किया गया है कि जब नाबालिग ने बृज भूषण का कड़ा विरोध किया, तो उन्होंने उससे कहा कि एशियाई चैम्पियनशिप के लिए जल्द ही ट्रायल होने वाले हैं, और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही है, इसलिए उसे आगामी ट्रायल में नतीजे भुगतने होंगे.

FIR में कहा गया है, “आरोपी (बृज भूषण) ने मेरी बेटी को अपने कमरे में बुलाया. मेरी बेटी अपना करियर बर्बाद होने को लेकर दबाव में थी. वो (बेटी) उनके (बृज भूषण) कमरे में गई. आरोपी ने मेरी बेटी को अपनी ओर खींच लिया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की. मेरी बेटी सहम गई और तुरंत आरोपी के चंगुल से खुद को छुड़ाकर कमरे से बाहर भाग गई.”

शिकायतकर्ता ने अपनी बात साबित करने के लिए बताया कि मई 2022 में एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल हो रहे थे जहां बृज भूषण ने उसके साथ भेदभाव किया.

“ट्रायल्स में यह सामान्य प्रथा है कि जो भी एथलीट पिछले बाउट या राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतता है, उसे ट्रायल में वरीयता दी जाती है. मेरी बेटी को वरीयता देना तो दूर, उसके भार वर्ग में सभी मजबूत दावेदार/एथलीट को डाल दिया गया. इसी ग्रुप में मेरे बेटी भी थी.”

FIR में कहा गया है, “उक्त ट्रायल पूरी तरह से प्रचलित प्रथा के विपरीत हुआ. मजबूत एथलीटों को हमेशा अलग-अलग समूहों में रखा जाता है ताकि उनके पास ट्रायल में जगह हासिल करने का बेहतर मौका हो. ऐसा इसलिए होता है ताकि भारत का प्रतिनिधित्व सबसे मजबूत एथलीटों द्वारा किया जा सके.”

प्राथमिकी में कहा गया है, “इसके अलावा, मेरी बेटी के ट्रायल के दौरान स्थापित मानदंडों का उल्लंघन हुआ. यह कहा गया था कि रेफरी या मैट चेयरमैन उस राज्य से नहीं होंगे जिस राज्य के ट्रायल में भाग लेने वाले एथलीट हैं. हालांकि, मेरी बेटी के मामले में प्रतिद्वंद्वी एथलीट दिल्ली से थी और रेफरी तथा मैट चेयरमैन भी दिल्ली से ही थे. इस तरह निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ.”

प्राथमिकी के अनुसार, “इस भेदभावपूर्ण व्यवहार पर मेरी बेटी ने तुरंत आपत्ति जताई थी. लेकिन उसे अल्टीमेटम दिया गया था कि या तो वह मैच जारी रखे (मैच खेले) या विरोधी एथलीट को वाकओवर दे दिया जाएगा.”

FIR में कहा गया है कि उसके ट्रायल के दौरान, रेफरी और मैट चेयरमैन ने जानबूझकर उसके प्वाइंट काटे.

शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में दावा किया, “ट्रायल के दौरान मैचों को रिकॉर्ड किया जाना था, पर बेटी के परीक्षण के दौरान, रिकॉर्डिंग को बार-बार ऑन और ऑफ करके इसमें हेरफेर की गई. यह काम आरोपी (बृज भूषण) के निर्देश पर किया गया था क्योंकि मेरी बेटी ने उसके अवांछित यौनाचारों को अस्वीकार कर दिया था.”

FIR में आगे आरोप लगाया गया है, “जब मेरी बेटी लखनऊ ट्रायल में प्रैक्टिस कर रही थी, तब आरोपी फिर से मेरी बेटी के पास आया और उससे कहा ‘पर्सनली आकर मिलना’. उसने आरोपी को साफ-साफ कहा कि वह पहले भी कह चुकी है कि वह किसी भी तरह के शारीरिक संबंध में बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं है और उन्हें (बृज भूषण) उसका पीछा करना बंद कर देना चाहिए तथा ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए जिसमें यौन इशारे छिपे हों.”

बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. भाजपा सांसद के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज है.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस


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