लोक सभा चुनाव में हारी थी महबूबा मुफ्ती अब विधान सभा चुनाव में मिली उनकी बेटी इल्तिजा को हार
नई दिल्ली | जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. नेशनल कांफ्रेंस ने 42 सीटें जीती हैं तो वही उसकी सहयोगी कांग्रेस 6 सीटें जीत पाई हैं. बीजेपी दूसरे स्थान पर हैंऔर उसने 29 सीटें जीती हैं. वहीं, महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को बड़ा झटका लगा है.
पीडीपी 90 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन पर ही जीत हासिल कर सकी है. महबूबा मुफ्ती ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था. खास बात यह है कि इस चुनाव में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अपनी खानदानी सीट भी हार गईं.
पार्टी ने इल्तिजा को श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद के हाथों हार का सामना करना पड़ा. महबूबा की बेटी दूसरे नंबर पर रही. उन्हें 23,529 मत प्राप्त हुए. वह 9,770 वोटों से हार गई.
महबूबा मुफ्ती की पार्टी इस चुनाव में केवल तीन ही सीटें जीत पाई हैं.
चुनाव में हार मिलने के साथ इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ”मैं जनता का फैसला स्वीकार करती हूं. बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा. इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करती हूं.”
जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे भी इसलिए चकित करने वाले हैं कि श्रीगुफवारा-बिजबेहरा मुफ्ती परिवार की पारिवारिक सीट मानी जाती है. करीबी 25 साल से मुफ्ती परिवार का इस सीट पर दबदबा रहा है. यहां से मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती भी चुनाव में जीत का परचम लहरा चुके हैं.
1996 में महबूबा ने बिजबेहरा से ही अपनी चुनावी शुरुआत की थी लेकिन पहली बार इल्तिजा मुफ्ती चुनावी मैदान में यहां से उतरी और उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में इल्तिजा की हार के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या जम्मू-कश्मीर में पीडीपी का दौर खत्म हो गया है? पहले महबूबा मुफ्ती और अब बेटी इल्तिजा की हार इस बात की ओर साफ संकेत कर रही है.
बता दें कि यह इलाका अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन, उन्हें भी लोकसभा चुनाव में हार मिली थी. महबूबा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मियां अल्ताफ ने 2.36 लाख से अधिक मतों के अंतर से करारी शिकस्त दी थी.