“नारायण साकार हरि भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से जलती हैं मायावती”, VIDEO
नई दिल्ली | हाथरस हादसे के बाद से ही भोले बाबा सवालों के घेरे में है. राजनीतिक दलों के नेता लगातार नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस बीच नारायण साकार हरि एवं मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के वकील डॉ. एपी सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
वकील एपी सिंह ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने भोले बाबा को लेकर जो बयान दिया है वो काफी दुखद है और वास्तव में उनकी धारणा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान पर विश्वास नहीं करने वाली लगती है. साथ ही में दलित, शोषित, वंचित और पीड़ित जो समाज था, गरीब-मजदूर परिवार थे, क्या उन्हें आस्था, श्रद्धा और विश्वास के लिए अधिकार नहीं है. क्या वो लोग भक्ति-भाव और समागम नहीं कर सकते.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश का जो इतिहास रहा है, छत्रपति साहूजी महाराज हों या संत रविदास या फिर संत कबीरदास हों, जिनसे कुछ भी छुपा नहीं है. अगर वर्तमान की बात करें तो बाबू जगजीवन राम ने दलितों, शोषित और वंचितों को आगे बढ़ाने का काम किया, लेकिन मायावती के लिए ऐसी बात नहीं है. क्या उन्हें एसआईटी पर विश्वास नहीं है. क्या उन्हें अधिकारी या रिटायर्ड जजों पर भरोसा नहीं है. वह जांच कमेटी पर सवालिया निशान खड़े कर रही हैं. वह नारायण साकार हरि की संलिप्ता को बढ़ाना चाहती हैं.
वकील एपी सिंह ने कहा कि भोले बाबा घटना के 30-35 मिनट पहले ही वहां से जा चुके थे और उसके बाद भी मायावती का बयान काफी दुखद है. भोले बाबा को टारगेट किया जा रहा है. क्या दलित, शोषित समाज के समागम करने का अधिकार उन्होंने छीन लिया. वह भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से जलती हैं और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह समय मृतक परिवारों को संवेदना देने का है. मायावती को अपना बयान वापस लेना चाहिए.
Watch: Lawyer of Narayan Sakar Hari & Manav Mangal Milan Sadbhavna Samagam, A P Singh, says, “…She (Mamata Banerjee) is envious of Narayan Sakar Hari’s increasing popularity. This is not the time to play politics…” pic.twitter.com/cPLlwSrIap
— IANS (@ians_india) July 10, 2024
बता दें कि 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थी.