पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा रहे कश्मीरी ‘राफेल मैन’

फोटो: इंडियन एयर फाॅर्स/ट्विटर

The Hindi Post

नई दिल्ली | राफेल लड़ाकू विमानों के लिए पायलटों का प्रशिक्षण लेने वाले भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के उच्च पदस्थ कश्मीरी अधिकारी उड़ी में हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी लॉन्च पैड के खिलाफ 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा रहे हैं।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि फ्रांस में डिफेंस एयर अटैच एयर कमोडोर हिलाल अहमद राठेर को कश्मीर का ‘राफेल मैन’ कहा जाता है और उन्हें बड़ी संख्या में कश्मीरी युवाओं के बीच एक रोल मॉडल के रूप में देखा जाता है। सूत्रों ने बताया कि राठेर लड़ाकू जेट विमानों के साथ अपने व्यापक अनुभव के कारण सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा बने।

कमोडोर राठेर को जानने वाले अधिकारी और वायु सेना के हलकों में उन्हें ‘हली’ के नाम से पुकारते हैं। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने मिराज विमान पर चार बार दो साल का कार्यकाल बिताया है। उनका मिराज-2000, मिग-21 और किरण विमान जैसे जेट फाइटर एयरक्राफ्ट पर 3,000 घंटे से अधिक की दुर्घटना-मुक्त उड़ान का रिकॉर्ड है।

वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि राठेर एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक हैं और वह 2013 और 2016 से भारतीय वायु सेना के सक्रिय पश्चिमी कमान में लड़ाकू अभियानों के निदेशक होने के साथ ही सभी लड़ाकू विमानों के तैयार होने और प्रशिक्षण में भी सीधे तौर पर शामिल रहे हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में परिचालन योजना में भी उनका खासा योगदान रहा है।

एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने संवेदनशील ग्वालियर मिराज एयरबेस की कमान संभाली है, जो वायुसेना द्वारा सभी सर्जिकल हवाई हमलों का एक प्रमुख केंद्र है।

राठेर को एक हार्ड टास्क मास्टर के रूप में देखा गया है और उन्होंने सुनिश्चित किया है कि राफेल परियोजना समय पर सभी आवश्यक हथियारों के साथ अन्य अनुबंध मापदंडों को पूरा करे।

दिलचस्प बात यह है कि कुछ वर्षो पहले एक और कश्मीरी ने इस तरह की उपलब्धि पाई थी। स्क्वाड्रन लीडर रतन लाल बामजई, जो ग्रुप कैप्टन के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे, उन्हें भारत में पहली मिराज उड़ान भरने का श्रेय दिया गया था।

राठेर सैनिक स्कूल नगरोटा के एक मेधावी टॉपर रहे हैं और वह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग शहर के रहने वाले हैं। सैनिक स्कूल में सीबीएसई परीक्षा में टॉप करने से लेकर हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल करने तक उनके नाम कई बड़ी उपलब्धि हैं। सर्वश्रेष्ठ पायलट होने के तौर पर राठेर ने अपने पूरे पेशेवर करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

उनके एक दोस्त ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने उन्नत सैन्य रणनीति के अध्ययन के लिए अमेरिका में उच्च प्रशंसित एयर वॉर कॉलेज का भी अनुभव प्राप्त किया है।

एयर कमोडोर राठेर को वेलिंगटन के प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में भी प्रशिक्षित किया गया है, जहां भारतीय सशस्त्र बल (सेना, नौसेना, वायु सेना) की तीनों सेनाओं के अधिकारियों के अलावा विदेशी सेनाओं के जवान भी शामिल होते हैं। बाद में उन्हें उसी डीएसएससी, वेलिंगटन में एक प्रशिक्षक के रूप में मौका मिला।

वह काम के मोर्चे पर अपने परिणाम-उन्मुख दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ ही उन्हें वर्तमान में केवल चार भारतीय रक्षा एयर अटैच में से एक होने का भी गौरव प्राप्त है; भारत के पास अपने चार मिशनों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस में ही डिफेंस एयर अटैच है।

उनके स्कूल के दोस्तों ने कहा कि राठेर हमेशा अपने स्कूल के दिनों से ही सूरज, चांद और आसमान पर मोहित होते थे।

राठेर के एक करीबी दोस्त ने कहा कि उनके रोल मॉडल हमेशा उनके पिता रहे हैं, जो लद्दाख स्काउट्स में एक सैनिक के साथ ही पुलिस में भी सेवारत रहे हैं। राठेर के दोस्त ने कहा कि वह हमेशा अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहते हैं, जो खुद एक बहादुर सिपाही रहे हैं।

आईएएनएस


The Hindi Post

You may have missed

error: Content is protected !!