कर्नाटक पुलिस ने निर्मला सीतारमण, विजयेंद्र और अन्य के खिलाफ दर्ज की FIR

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो | क्रेडिट: आईएएनएस)

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बेंगलुरु | कर्नाटक पुलिस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ FIR दर्ज की है. निर्मला सीतारमण पर चुनावी बांड के माध्यम से ‘जबरन वसूली’ करने का आरोप लगा है.

बेंगलुरु की तिलक नगर पुलिस ने एमपी एमएलए कोर्ट के निर्देशानुसार FIR दर्ज की है.

इस मामले में वित्त मंत्री सीतारमण को मुख्य आरोपी बनाया गया है. ED के अधिकारियों को दूसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जबकि भाजपा के केंद्रीय कार्यालय के पदाधिकारियों को तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है. चौथे आरोपी है कर्नाटक भाजपा के पूर्व सांसद नलिन कुमार कतील और राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को इस मामले में पांचवा आरोपी बनाया गया हैं. छठे आरोपी के तौर पर प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों का नाम है.

पुलिस ने आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत FIR दर्ज की है.

बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के अपराध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.

जनाधिकार संघर्ष परिषद के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर इस मामले में शिकायतकर्ता हैं.

स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को इस संबंध में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था.

शिकायतकर्ता ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बाॅन्‍ड के माध्यम से जबरन वसूली के अपराध का आरोप लगाया है.

कोर्ट ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस स्टेशन के क्षेत्राधिकार वाले SHO को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तय की गई है.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपियों और संवैधानिक पदों पर बैठे कई अन्य लोगों ने एमएनसी और टीएनसी कॉर्पोरेट कंपनियों के सीईओ और एमडी के साथ मिलकर चुनावी बांड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम अर्जित किया.

आदर्श अय्यर ने अपनी शिकायत में कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्य आरोपी ने विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियों, उनके सीईओ, एमडी आदि के यहां छापेमारी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए नामित अधिकारियों पर दबाव डाला. छापे के डर से, कई कॉरपोरेट कंपनियों को कई करोड़ रूपए के चुनावी बाॅन्‍ड खरीदने के लिए मजबूर किया गया. इन बांड्स को आरोपियों ने बाद में भुना लिया.”

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चुनावी बाॅन्‍ड की आड़ में जबरन वसूली रैकेट विभिन्न स्तरों पर भाजपा के पदाधिकारियों के साथ मिलकर चलाया गया है.

आईएएनएस

 


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