विदेश मंत्री ने लद्दाख गतिरोध को लेकर राहुल पर किया पलटवार
नई दिल्ली | विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के पास हथियार थे, लेकिन पिछले समझौतों के तहत उन्होंने हथियार का इस्तेमाल नहीं किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गलवान घाटी में भारत व चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद सरकार से पूछा था कि भारतीय सेना को बिना हथियार के चीनी सैनिकों के पास किसने भेजा था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह एक राष्ट्रीय समाचारपत्र का वीडियो ट्वीट करते हुए पूछा, “चीन की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि वो हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या कर सके। बिना हथियारों के हमारे सैनिकों को वहां शहीद होने के लिए किसने भेजा।”
कौन ज़िम्मेदार है? pic.twitter.com/UsRSWV6mKs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2020
How dare China kill our UNARMED soldiers?
Why were our soldiers sent UNARMED to martyrdom?pic.twitter.com/umIY5oERoV
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2020
विदेश मंत्री हालांकि आमतौर पर सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी या कटाक्ष करने से बचते हैं, मगर उन्होंने गुरुवार को इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी पर पलटवार किया।
जयशंकर ने ट्वीट किया, “सीमा पर तैनात सभी जवान हथियार लेकर चलते हैं। खासकर पोस्ट छोड़ते समय भी उनके पास हथियार होते हैं। 15 जून को गलवान में तैनात जवानों के पास भी हथियार थे, लेकिन 1996 और 2005 के भारत-चीन संधि के कारण लंबे समय से ये रीति चली आ रही है कि आमने-सामने (फेस-ऑफ) के दौरान जवान फायर आर्म्स (बंदूक) का इस्तेमाल नहीं करते हैं।”
Let us get the facts straight.
All troops on border duty always carry arms, especially when leaving post. Those at Galwan on 15 June did so. Long-standing practice (as per 1996 & 2005 agreements) not to use firearms during faceoffs. https://t.co/VrAq0LmADp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020
हालांकि ट्विटर पर कई यूजर्स ने जयशंकर से पूछा कि सैन्य प्रोटोकॉल और गतिरोध से संबंधित मामलों पर विदेश मंत्री के बजाय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह क्यों नहीं बयान जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ यूजर्स का यह भी कहना है कि जब भारतीय सैनिकों पर बुरी तरह हमला किया जा रहा था और वे शहीद हो रहे थे, तब भी उन्होंने हथियारों का उपयोग क्यों नहीं किया।
आईएएनएस