लद्दाख में एलएसी के पास चीन-भारत के बीच गतिरोध खत्म होने वाला है : बीजिंग
नई दिल्ली | चीन और भारत ने बुधवार को लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सैनिकों की एक साथ वापसी शुरू की है। चीनी सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
अगर चीनी आधिकारिक बयान पर विश्वास किया जाए, तो दो एशियाई दिग्गजों के बीच नौ महीने से चला आ रहा गतिरोध अब समाप्त होने वाला है।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने हालांकि अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
पिछले साल मई महीने से भारतीय और चीनी सेना लद्दाख में पैंगोंग झील के पास और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में एलएसी के पास आमने-सामने है। दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी देखी जा रही है। इनमें से एक बड़ी झड़प 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में देखी गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
इस झड़प में 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे जाने की भी रिपोर्ट्स सामने आई हैं। आमने-सामने की स्थिति (फेस-ऑफ) के बीच भारत ने लद्दाख में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की तैनाती की हुई है।
हालांकि जुलाई में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच गतिरोध कम जरूर हुआ, मगर पैंगोंग झील और पीपी 17 ए इलाके में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गतिरोध जारी रहा। अगस्त में भारतीय सैनिकों ने एलएसी के साथ चुशुल सेक्टर में कई सामरिक ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली थी।
हालांकि दोनों देशों के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तरों पर कई दौर की बातचीत हुई है।
24 जनवरी को कोर कमांडर स्तर की बैठक का नौवां दौर आयोजित किया गया था।
दो एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव के कारण भारतीय लोग चीनी उत्पादों के बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि चीनी स्मार्टफोन एप भारतीय डेटा चोरी कर रहे थे, जिसके कारण सरकार ने 200 से अधिक चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया।
हालांकि दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी और पनप रही कड़वाहट के माहौल में भी व्यापार जारी रहा है।
आईएएनएस