पैंगॉन्ग त्सो पर अनिर्णायक रही भारत और चीन की वार्ता

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नई दिल्ली | भारत और चीन के बीच बुधवार को हुई सैन्य वार्ता में कोई समाधान नहीं निकल सका है। सूत्रों ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत जारी रहेगी। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में हालिया घुसपैठ के प्रयासों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है, जिसे खत्म करने के लिए सैन्य वार्ता की जा रही है।

पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो (झील) में यथास्थिति को बदलने के प्रयास में चीन द्वारा भड़काऊ सैन्य हरकतों के बाद, दोनों देश पिछले तीन दिनों से बातचीत में लगे हुए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की।”

पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर तीन विवादास्पद क्षेत्रों में ताजा घटनाक्रम के बाद दोनों देश विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के आस-पास के इलाकों में बढ़ी चीनी तैनाती को लेकर चिंता जताई है। भारत ने चीन से भारतीय क्षेत्र में थाकुंग अड्डे के करीब अपनी सेना की तैनाती को पूरी तरह से वापस लेने को भी कहा है।

चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर रेजांग ला से लगभग 2.5 से 3 किलोमीटर की दूरी पर रेचिन ला पर पकड़ मजबूत कर ली है।

31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई की थी, क्योंकि भारतीय सैनिकों ने इससे पहले पीएलए द्वारा जमीन पर कब्जा जमाने वाले मंसूबों को विफल करने के लिए वहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर पहुंच स्थापित कर ली थी।

29 और 30 अगस्त की रात को पीएलए के सैनिकों ने पहले हुई सहमति का उल्लंघन किया। इससे पहले पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान हुई सैन्य वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी कि, किसी भी देश की सेना दूसरे के क्षेत्र में नहीं जाएगी और उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेगी।

लद्दाख के पैंगॉन्ग झील इलाके में 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद से चीन बिलबिला रहा है। चीनी सेना ने भारत से आग्रह किया है कि वह सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपनी सेना को तुरंत कम करे। इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने पैंगॉन्ग झील के पास यथास्थिति को बदलने के भारतीय सेना के आरोप को खारिज कर दिया था।

भारत ने चीन से पैंगॉन्ग त्सो से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा है। लेकिन चीन ने हिलने से इनकार कर दिया है।

दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब चार महीने से आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो सका है। कई स्तर के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।

15 जून को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई थी, मगर चीन ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है और स्पष्ट नहीं किया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए।

आईएएनएस


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