गृह मंत्रालय का कर्मचारी हनी ट्रैप में फंसा, पाकिस्तान भेज रहा था गोपनीय दस्तावेज, पुलिस ने किया गिरफ्तार

सांकेतिक तस्वीर (आईएएनएस)

The Hindi Post

गाजियाबाद | भारत सरकार के गृह मंत्रालय में संविदा पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने जी-20 समिट समेत कई गोपनीय दस्तावेज पाकिस्तान भेज दिए. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए इस कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. भारत सरकार की कई सुरक्षा एजेंसियां भी इस कर्मचारी से पूछताछ कर रही हैं.

गिरफ्तार होने के बाद नवीन पाल ने बताया कि वह एक महिला से चैट किया करता था और उसी को उसने यह कागज भेजे हैं. उसने बताया कि वह महिला को कोलकाता की रहने वाली अंजलि समझ रहा था. लेकिन पुलिस की जांच में महिला की लोकेशन कराची निकली. माना जा रहा है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी है. हो सकता है कि वह आईएसआई की कोई अधिकारी या कर्मचारी हो. उसने नवीन पाल को जानकारी देने के बदले 85 हजार रुपये भी दिए थे.

इस पूरे खुलासे के बाद पुलिस ने नवीन को गिरफ्तार कर लिया है. 12वीं पास नवीन पटेल गाजियाबाद के भीमनगर का निवासी है. वह गृह मंत्रालय में संविदा पर बहुउद्देशीय कर्मचारी (एमटीएस) के रूप में काम कर रहा था.

देश की खुफिया जांच एजेंसियों के पास यह जानकारी आई कि गृह मंत्रालय का कोई कर्मचारी सूचनाएं बाहर भेज रहा है. इसकी जांच कराने पर नवीन पटेल के बारे में पता चला. उसके मोबाइल फोन की डिटेल निकलवाई गई तो पूरा राज खुल गया. जांच में पता चला कि वो व्हाट्सएप पर अंजलि नाम की महिला से चैट कर रहा था. चैट के साथ-साथ उसकी महिला से वीडियो कॉल पर भी बातचीत होती थी. बीते 2 महीने से उसने कई अहम दस्तावेज अंजलि को भेजे हैं. चैट पर पहले अंजलि मीठी-मीठी बातें करती थी. इसके बाद दस्तावेज मांगने लगी. वह जो कहती, नवीन दे देता. इसके बदले वह नवीन को पेटीएम के माध्यम से रकम भी भेजती. अब तक 85 हजार रुपये दे चुकी थी.

जांच में पता चला है कि एक डॉक्यूमेंट भेजने पर नवीन को करीब 5,000 रुपये मिलते थे. पकड़े गए आरोपी नवीन पाल के मोबाइल से कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके मुताबिक बीते 2 महीने से वह कई नक्शे, कई गोपनीय दस्तावेज अंजलि को भेज चुका है. उसने गृह मंत्रालय की कई फाइलों की फोटो खींचकर भेजी है. इनमें जी-20 से जुड़ी फाइलें भी हैं. उसको एक दस्तावेज भेजने पर पांच से दस हजार रुपये मिलते थे.

पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि उसे नहीं मालूम था कि दस्तावेज पाकिस्तान जा रहे हैं. हालांकि, पुलिस को उसकी बातों पर यकीन नहीं. शक यह भी है कि वह किसी गिरोह से जुड़ा हो. पुलिस के मुताबिक उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाकर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसके परिवार और उसके बैंक अकाउंट की भी डिटेल खंगाली जा रही है. उसके मोबाइल डाटा को रिकवर कर यह भी पता लगाया जा रहा है कि अभी तक उसने किस तरीके के और किस लेवल तक के गोपनीय दस्तावेज भेजे हैं.

आईएएनएस


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