हरियाणा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर होगी वसूली, विधेयक पारित

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मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो/आईएएनएस)
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चंडीगढ़ | विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के बीच मनोहर लाल खट्टर की भाजपा-जजपा सरकार ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा में ध्वनिमत से सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 पारित कर दिया। सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक में प्रदत्त प्रावधान के अनुसार, अब सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ करने वालों से ही वसूली की जाएगी।

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर लाए गए विधेयक के तहत अगर आंदोलन के दौरान हिंसा और किसी भी प्रॉपर्टी को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई आंदोलनकारियों से होगी और इसमें सजा के अलावा दंड का प्रावधान भी रखा गया है।

विधेयक में नुकसान के आकलन व वसूली के लिए एक या अनेक क्लेम ट्रिब्यूनल गठित करने का प्रावधान है।

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विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोगों को विरोध करने से डराने के लिए विधेयक लाया गया है।

उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण विरोध हर नागरिक का अधिकार है। संपत्ति के नुकसान से संबंधित पहले से ही कानूनी प्रावधान है। कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने में पुलिस की जिम्मेदारी के बारे में क्या कहेंगे?”

कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए कानून लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह एक कठोर कानून है, जिसमें निर्दोष लोगों को दबाने के लिए व्यापक शक्तियां हैं।

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राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने कानून लाने की जरूरत को उचित ठहराते हुए कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से पहले यह कानून उनके दिमाग में था।

उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सवाल दागते हुए कहा, “आप दंगाइयों के साथ हैं या उनके खिलाफ?”

इस पर मुख्यमंत्री हुड्डा ने जवाब देते हुए कहा, “हम किसानों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हैं।”

उन्होंने सरकार से विधेयक वापस लेने को कहा।

बहस के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है।

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उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में मौजूदा प्रावधान आपराधिक दायित्व तय करने से संबंधित है। खट्टर ने कहा कि यह कानून केवल नागरिक दायित्व का निर्धारण सुनिश्चित करता है।

निर्दलीय सदस्य सोमबीर सांगवान ने कहा कि आईपीसी में दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए सजा का प्रावधान है, इसलिए कानून की जरूरत नहीं है और इसका दुरुपयोग किया जाएगा।

पिछले हफ्ते, खट्टर ने विधानसभा को सूचित किया कि तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध में 26 नवंबर, 2020 से नौ फरवरी 2021 तक राज्य को 212 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि अब तक कुल अनुमानित नुकसान 1,110 करोड़ रुपये से 1,150 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।

आईएएनएस

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