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नई दिल्ली | दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल को जमानत दे दी। प्रोफेसर रतन लाल को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक वीडियो सर्वेक्षण में ‘शिवलिंग’ की खोज के बाद उस पर सोशल मीडिया में अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
लाल को शनिवार दोपहर तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। सिविल लाइंस पुलिस ने शुक्रवार की रात उन्हें गिरफ्तार किया था और शनिवार को 50 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानती पर जमानत मिल गई।
भड़काऊ कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने 18 मई को दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

उत्तरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण कार्य करना) और 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य के तहत किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके आहत करने का इरादा रखना) के तहत मामला दर्ज किया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की तस्वीर के साथ कथित तौर पर अपमानजनक कंटेंट पोस्ट किया था।
शिकायतकर्ता विनीत जिंदल (अधिवक्ता) ने दिल्ली पुलिस को ‘उकसाने और भड़काने वाले बयान दिए जाने’ के बारे में लिखित सूचना दी थी।
आईएएनएस
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