नहीं लॉरेंस बिश्नोई नहीं इस गैंगस्टर को लाया गया अस्पताल, परिसर छावनी में तब्दील, VIDEO
अजमेर | गैंगस्टर विक्रम सिंह बराड़ को कड़ी सुरक्षा के बीच हाई सिक्योरिटी जेल से जेएलएन अस्पताल लाया गया. सिद्धू मूसेवाला केस में विक्रम आरोपी है. उसे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का करीबी बताया जाता है.
विक्रम सिंह बराड़ उर्फ विक्रमजीत सिंह बराड़ बीमार हैं. इस कारण उसे जेल से अस्पताल लाया गया. अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से कई स्थानों पर तैनात पुलिस बल के कारण परिसर छावनी में तब्दील हो गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने विक्रम का चेकअप किया.
विक्रम सिंह बराड़ को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) यूएई से गिरफ्तार कर भारत लाई थी. उसे पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में शामिल होने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की जांच के दौरान पता चला था कि बराड़ ने इस हाई-प्रोफाइल हत्या में गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की मदद की थी.
बराड़ के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, भारत में हथियारों की तस्करी, जबरन वसूली और अवैध हथियार रखने के मामले शामिल हैं. उसकी आपराधिक गतिविधियों के चलते राजस्थान सहित कई राज्यों में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. विक्रम बराड़ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य है.
Ajmer, Rajasthan: Gangster Vikramjeet Singh Brar, who is believed to be associated with gangsters Lawrence Bishnoi and Goldy Brar, was brought from a high-security jail in Ajmer to JLN Hospital for medical treatment under high-level security pic.twitter.com/ekXf8tBXos
— IANS (@ians_india) October 15, 2024
आपको बताते चलें, विक्रम बराड़ ने ही बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जुलाई में आतंकवादी-गैंगस्टर-तस्कर गठजोड़ पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के प्रमुख सहयोगी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत निर्वासन के तुरंत बाद गिरफ्तार किया था. एनआईए की एक टीम उसके निर्वासन की सुविधा के लिए और उसे भारत वापस लाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात गई थी.
बराड़ निर्दोष व्यापारियों की लक्षित हत्याओं के अलावा, वह खतरनाक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में शामिल था.
आईएएनएस