नितिन गडकरी ने जोजिला टनल का किया निरीक्षण, 38 फीसदी काम हुआ पूरा

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नई दिल्ली |केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ जोजिला टनल (सुरंग) का निरीक्षण किया.

13.14 किमी लंबी जोजिला टनल एशिया की सबसे लंबी टनल होगी. यह टनल लद्दाख क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी. इस टनल के माध्यम से किसी भी मौसम में लद्दाख क्षेत्र पहुंचना आसान होगा.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मीडिया को बताया कि जम्मू-कश्मीर में 25,000 करोड़ रुपये की लागत से कुल 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत जोजिला में 6,800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी सुरंग और अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है.

यह 7.57 मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल-ट्यूब, टू-लेन सुरंग है, जो कश्मीर में गांदरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच से हिमालय में जोजिला र्दे के नीचे से गुजरेगी.

परियोजना में एक स्मार्ट टनल (एससीएडीए) प्रणाली शामिल है, जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके किया गया है. यह सीसीटीवी, रेडियो कंट्रोल, निर्बाध बिजली आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से लैस है.

इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से केंद्र को 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है.

जोजिला टनल के निर्माण का अब तक 38 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

अधिकारियों ने बताया कि इस टनल के बनने से लद्दाख के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी हो जाएगी.

वर्तमान में जोजिला र्दे को पार करने में औसत यात्रा समय कभी-कभी तीन घंटे लगते हैं. इस टनल के पूरा होने के बाद यात्रा का समय घटकर केवल 20 मिनट रह जाएगा.

जोजिला र्दे के पास का इलाका बेहद दुर्गम है, यहां हर साल कई घातक दुर्घटनाएं होती हैं.

टनल के पूरा होने के बाद हादसों की संभावना जीरो हो जाएगी.

यह सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच साल भर संपर्क प्रदान करेगी, जो लद्दाख के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय सामानों की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की आवाजाही के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.

आईएएनएस


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