22 साल के भतीजे को वैक्सीन दिए जाने पर आलोचनाओं के घिरे देवेंद्र फडणवीस

The Hindi Post

मुंबई | महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस को मंगलवार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके 22 वर्षीय भतीजे ने कथित तौर पर कोरोना वैक्सीन प्राप्त की है, जो केंद्र के मानदंडों का उल्लंघन है। यह मुद्दा तब सामने आया, जब तन्मय फड़नवीस ने टीकाकरण कराते समय सोशल मीडिया पर अपनी एक मुस्कुराती हुई तस्वीर पोस्ट की। इस पर अन्य दलों की ओर से इसलिए बवाल बढ़ गया, क्योंकि उनके भतीजे की उम्र केंद्र द्वारा अनुमति प्राप्त आयु से काफी कम बताई जा रही है।

यह स्वीकार करते हुए कि तन्मय उनका रिश्तेदार है, फडणवीस ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता था कि उसने (तन्मय) नागपुर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में वैक्सीन की खुराक किस तरह से प्राप्त की।

फडणवीस ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “मेरी पत्नी और मेरी बेटी ने भी अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, क्योंकि वो उसके योग्य नहीं है। मैं मानता हूं कि हर व्यक्ति को नियम कानूनों का पालन करना चाहिए।”

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उनकी पत्नी और एक बैंकर एवं कार्यकर्ता अमृता ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए सफाई दी है और कहा, “किसी भी सेवा के लिए प्राथमिकता डेकोरम या प्रचलित नीति के आधार पर होनी चाहिए। कोई भी नियम और कानून से ऊपर नहीं है।”

तन्मय वरिष्ठ भाजपा एमएलसी और पूर्व मंत्री शोभा फड़नवीस के पोते और अभिजीत फड़नवीस के बेटे हैं। अभिजीत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के चचेरे भाई हैं।

सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस घटनाक्रम के बाद फड़नवीस पर जमकर निशाना साधा है। क्योंकि केंद्र की ओर से जारी दिशानिदेशरें के अनुसार, अभी तक केवल 45 साल से ऊपर के लोगों को ही वैक्सीन की खुराक मिल सकती है। हालांकि केंद्र ने अब एक मई से 18 से ऊपर के लोगों को वैक्सीन दिए जाने को अनुमति दी है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक कहावत को याद करते हुए कटाक्ष किया कि शीशे के घरों में रहने वाले लोगों को पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।

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महाराष्ट्र कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, “केंद्र सरकार ने केवल 45 वर्ष से अधिक की आयु वाले लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी है। फिर फडणवीस के भतीजे (जो केवल 22 वर्ष के हैं) को टीका कैसे मिल सकता है? भाजपा नेताओं के परिवारों की जिंदगी अहम है, बाकी लोगों का क्या? क्या उनकी कोई कीमत नहीं है।”

इसके अलावा शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट करते हुए तन्मय फड़नवीस को वैक्सीन दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं।

हालांकि तन्मय ने अपने सोशल मीडिया से उस वीडियो को हटा दिया है, जिसमें वह वैक्सीन प्राप्त करते देखे जा सकते हैं। इस पर जैसे ही हंगामा शुरू हुआ, तो उन्होंने सामग्री को प्लेटफॉर्म से हटा दिया।

पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से राज्य में कोविड मामलों की भारी संख्या और मृत्यु दर को देखते हुए वैक्सीन कोटा में इसका हिस्सा बढ़ाने का आग्रह किया था। महाराष्ट्र में फिलहाल सबसे अधिक कोरोना मामले सामने आ रहे हैं और यहां संक्रमण की वजह से सबसे अधिक लोग जान गंवा रहे हैं।

आईएएनएस

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