“उस कमबख्त को निकालो पार्टी से और उसको एक बार यूपी भेज दीजिए उपचार हम……”, समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी पर बरसे योगी आदित्यनाथ

फोटो: आईएएनएस

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लखनऊ | मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर आक्रोश निकाला है. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अबू आजमी को पार्टी से बाहर निकालो और नहीं तो यूपी भेज दो, बाकी ऐसे लोगों का उपचार हम अपने आप करवा देंगे.

यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेज दीजिए, बाकी इलाज हम अपने आप करवा देंगे. जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा पर गर्व करने के बजाय लज्जा महसूस कर रहा हो और औरंगजेब को अपना नायक मान रहा हो, क्या उसे भारत के अंदर रहने का अधिकार होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, ”एक तरफ आप महाकुंभ को दोष देते रहते हैं, दूसरी तरफ आप औरंगजेब जैसे क्रूर व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, जिसने देश के मंदिरों को नष्ट किया हो. आप अपने उस विधायक को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आपने उसके बयान की निंदा क्यों नहीं की?”

उन्होंने यह भी कहा कि शाहजहां ने अपनी जीवनी में लिखा है कि तुमसे (औरंगजेब) अच्छे तो हिन्दू हैं, जो माता-पिता की जीवित रहते तो सेवा करते ही हैं. उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें तर्पण के माध्यम से जल तो देते हैं.

महाकुंभ का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिसकी जैसी दृष्टि थी, उसको वैसी ही सृष्टि प्रयागराज में देखने को मिली.

उधर, औरंगजेब की तारीफ करने पर सपा नेता अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने पारित कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, इस सत्र के दौरान अबू आसिम आजमी के विधानसभा परिसर में घुसने पर भी पाबंदी रहेगी.

इससे पहले अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सोशल मीडिया के जरिए सफाई दी. उन्होंने कहा था कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.

अबू आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है. औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है. लेकिन, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं.”

 

 


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