नंदीग्राम में मतदान में गड़बड़ी के ममता बनर्जी के दावे को आयोग ने किया खारिज

(फोटो: ट्विटर )

The Hindi Post

कोलकाता | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में बोयाल पोलिंग बूथ पर मतदान के दौरान गड़बड़ियों के जो आरोप लगाए थे, चुनाव आयोग ने रविवार को एक बिंदुवार प्रतिक्रिया जारी कर सभी आरोपों का खंडन किया।

ममता की हाथ से लिखी शिकायत को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ और ‘तथ्यहीन’ बताते हुए आयोग ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बोयाल मकतब प्राथमिक विद्यालय में किसी भी वास्तविक मतदाताओं को बूथ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, बूथ पर कब्जा कर लिया गया और यह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मौजूदगी में किया गया।

स्थानीय मतदाताओं ने जब फोन कर ममता को यह जानकारी दी, तब मुख्यमंत्री वहां कार से पहुंचीं और बूथ के बाहर अपनी व्हील-चेयर पर बैठी रहीं और एक कागज लेकर कलम से शिकायत लिखकर आयोग को भेजी। बाद में बीएसएफ के जवानों ने उन्हें वहां से हटा दिया।

 

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आरोप की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने विशेष पर्यवेक्षकों अजय नायक (जनरल) और विवेक दुबे (पुलिस) से रिपोर्ट मांगी, जिन्होंने शनिवार शाम को अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसने विशेष पर्यवेक्षकों और अधिकारियों द्वारा ‘विभिन्न स्तरों पर’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ‘उस बूथ पर कब्जा करने वाले बाहरी लोगों या बंदूकधारियों और गुंडों का कोई उल्लेख नहीं था।”

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि नंदीग्राम में बोयाल मतदान केंद्र पर तैनात बीएसएफ जवानों पर लगाए गए आरोप ‘सच्चाई से बहुत दूर’ हैं।

नंदीग्राम के बोयाल मतदान केंद्र पर सुबह 5.30 बजे एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई और 1 अप्रैल को सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि मॉक ड्रिल के समय भाजपा, माकपा और निर्दलीय के पोलिंग एजेंट बोयाल मतदान केंद्र के भीतर मौजूद थे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस का पोलिंग एजेंट कभी नहीं दिखा।

आयोग ने अपने पत्र में कहा, “ईसीआई किसी भी अनिच्छुक को मतदान एजेंट के रूप में काम करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।”

 

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तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चुनाव आयोग का जवाब पक्षपाती है और पार्टी द्वारा बार-बार लगाए गए आरोपों की तस्दीक है कि आयोग ‘पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य कर रहा है।”

उन्होंने कहा, “आयोग इस बात से कैसे इनकार कर सकता है कि धारा 144 लगाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद भाजपा समर्थकों ने बोयाल में मतदान केंद्र के बहुत करीब इकट्ठा होकर अपने उम्मीदवार के समर्थन में नारे लगाए। बंगाल के लोगों ने देखा कि उस विशेष दिन पर क्या हुआ था।”

-आईएएनएस

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