विधायक स्कूली बच्चों से बोले – अगर आपके माता-पिता मुझे वोट नहीं देते हैं तो दो दिन तक खाना मत खाना, मचा बवाल
हिंगोली (महाराष्ट्र) | कलामनुरी निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना विधायक संतोष एल बांगर ने एक बार फिर सत्तारूढ़ महाराष्ट्र सरकार को शर्मसार किया है.
43 वर्षीय बांगर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में प्राथमिक विद्यालय के लगभग 50 स्कूली बच्चों को “संबोधित” किया.
उन्होंने स्कूली बच्चों के सामने एक अजीब भाषण दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर उनके माता-पिता अगले चुनाव में उन्हें (बांगर को) वोट नहीं देते हैं तो वे दो दिन तक खाना न खाएं.
“यदि आपके माता-पिता आपसे पूछते हैं कि आप खाना क्यों नहीं खा रहे हैं तो अपना अनशन खत्म करने से पहले उन्हें बताएं कि वोट ‘संतोष बांगर’ को देना है.”
संतोष बांगर के इस संबोधन के बाद, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया. उन्होंने संतोष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने सत्तारूढ़ विधायक की इस बात के लिए आलोचना की.
नाराज वडेट्टीवार ने कहा, “चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद कि राजनीतिक प्रचार या किसी भी चुनाव संबंधी कार्य के लिए बच्चों का उपयोग न किया जाए, सत्तारूढ़ दल के विधायक प्रचार के लिए एक स्कूल में जाकर ऐसा कर रहे हैं.”
वडेट्टीवार ने कहा कि वह जानना चाहते है कि क्या राज्य के शिक्षा मंत्री “सो रहे हैं” और क्या चुनाव आयोग स्पष्ट करेगा कि वह चुनाव नियमों का खुलेआम उल्लंघन करने के लिए बांगर के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
तीखे हमले में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) के विधायक रोहित आर. पवार ने पूछा कि क्या वह (बांगर) किसी तरह के ‘महात्मा’ हैं, जो छोटे-छोटे बच्चों को दो दिन के लिए खाना नहीं खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
पवार ने मांग की, “उनका (बांगर) अपने निर्वाचन क्षेत्र में शिक्षा के लिए क्या योगदान है… राजनीति के लिए बच्चों का इस्तेमाल करना अपराध है और ऐसे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.”
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस