शिवराज के एडिटेड वीडियो को साझा करने पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज
भोपाल | मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने ट्विटर एकाउंट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एडिटेड वीडियो साझा करने पर मुसीबत में पड़ गए हैं। इसके लिए उनके खिलाफ भाजपा नेताओं ने अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराई है। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार की रात को अपराध शाखा में एक शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर रविवार की दोपहर को एक वीडियो डाला है। इस वीडियो के साथ लिखा है कि ‘मदिरालय खोल दिए पर मंदिरों और पूजा स्थलों पर लॉकडाउन। वाह रे मामा इतना पिलाओ के पड़े रहें।’
भाजपा की ओर से पुलिस में की गई शिकायत में बताया गया है कि शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2020 में तत्कालीन कमल नाथ सरकार की आबकारी नीति को लेकर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान शराब दुकानें गांव-गांव में खोले जाने का विरोध किया गया था।
यह बयान दो मिनट 19 सेकेंड का है, जिसे शिवराज ने अपने ट्विटर एकाउंट पर डाला था, जिसे दिग्विजय सिंह और उनके साथियों ने चोरी कर काट-छांट कर उसे नौ सैकेंड का तैयार कर ट्विटर पर डाला है। यह कृत्य भाजपा की वर्तमान सरकार और मुख्यमंत्री चौहान की छवि को धूमिल करने के मकसद से किया गया है।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया ने बताया कि रविवार रात को पूर्व मंत्री व विधायक विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा आदि ने लिखित शिकायत की। साक्ष्य के तौर पर वीडियो की कापी पेन ड्राइव में भी दी। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
पुलिस के मुताबिक इसके साथ ही सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो में कांट-छांट कर सोशल मीडिया पर वायरल के मामले में सोशल मीडिया मनीटरिंग सेल ने एक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं सहित आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
इसके अलावा उन लोगों को भी आरोपी बनाया गया है जिन्होंने इस ट्वीट को रीट्वीट किया है।
आईएएनएस